समाजसेवा करने वाले लोग यूं तो किसी पुरस्कार या अवार्ड के मोहताज नहीं होते, परंतु कोई संस्था अगर उन्हें अवार्ड देती है तो यह उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करती है। जिससे दूसरे अन्य लोगों को भी समाज के प्रति कुछ बेहतर करने की प्रेरणा मिले। ऐसा ही कुछ वाकया हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के यश कुमार जायसवाल के साथ।
भोपाल । समाजसेवा करने वाले लोग यूं तो किसी पुरस्कार या अवार्ड के मोहताज नहीं होते, परंतु कोई संस्था अगर उन्हें अवार्ड देती है तो यह उनके द्वारा किए गए कार्यों के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित करती है। जिससे दूसरे अन्य लोगों को भी समाज के प्रति कुछ बेहतर करने की प्रेरणा मिले। ऐसा ही कुछ वाकया हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल के यश कुमार जायसवाल के साथ। जायसवाल ने अपनी स्कूली उम्र से ही बिना किसी स्वार्थ के समाजसेवा के छोटे-छोटे कार्य करना आरंभ किया। कॉलेज में मास्टर्स डिग्री तक आते-आते यश ने दो हज़ार से अधिक सामाजिक गतिविधियों में भाग लिया। जिनमें भारत सरकार और मध्यप्रदेश शासन की ओर से चलाई जा रहीं विभिन्न जागरुकता मुहिम तो शामिल हैं ही साथ ही यश ने स्वतंत्र रूप से भी शिक्षा तथा समाजसेवा पर अनेक गतिविधियां आयोजित कीं। यही नहीं जायसवाल अब तक 29 बार रक्तदान करके युवाओं के लिए एक माडल बनने की ओर अग्रसर हैं। इसी के फलस्वरूप यश कुमार जायसवाल को 13 से 16 अप्रैल तक नेपाल की राजधानी काठमांडू में आयोजित होने वाले सांस्कृतिक सम्मेलन में "सार्क रीजनल ब्रिलियांस अवार्ड" से नवाजा गया है । यही नहीं जायसवाल को इससे पहले भी शिक्षा और समाजसेवा पर तीन नेशनल तथा एक इंटरनेशनल अवॉर्ड भी मिल चुका है। समाजसेवा से जुड़े रहना यश जायसवाल राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हैं तथा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय भोपाल द्वारा आयोजित सात दिवसीय विशेष शिविर में वह शिविर नायक की भूमिका भी निभा चुके हैं। यश का कहना है कि भले ही मैं पहले से ही समाजसेवा करता आ रहा हूं परंतु उसमें निरंतरता के साथ साथ गंभीरता और संवेदनशीलता एनएसएस ने ही सिखाई है। उन्होंने कहा कि कालेज में पढ़ने वाले हर युवा को एनएसएस से जुड़ना चाहिए। यश कुमार जायसवाल की इस उपलब्धि पर कार्यक्रम समन्वयक बरकतउल्ला विश्वविद्यालय डॉ. अनंत कुमार सक्सेना, ईटीआई प्रशिक्षक राहुल सिंह परिहार, जिला संगठक डॉ. आर एस नरवरिया तथा रबीन्द्रनाथ टैगोर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. ब्रम्ह प्रकाश पेठिया तथा कुलसचिव डॉ. विजय सिंह ने बधाई दी। कार्यक्रम अधिकारी गब्बर सिंह ने कहा कि एनएसएस अपनी प्रतिभा के सही उपयोग का सही ट्रेक है। प्रतिभाएं बहुत सारे युवाओं में होती हैं परंतु उन्हें सही ट्रैक न मिलने के कारण वे निखरने से पहले ही बिखर जाती हैं। महाविद्यालयों में अध्ययनरत जितने भी विद्यार्थी हैं उन सबको राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़कर सामाजिक बदलाव के कार्यों में आगे आना चाहिए। इन अवार्ड्स से नवाजे जा चुके
हैं यश - राष्ट्रीय मानव अधिकार संगठन द्वारा 2021 में इंडियन आईकॉन अवॉर्ड नई दिल्ली - इंटरनेशनल ब्रिलिया़स अवार्ड बेस्ट रिसर्च स्कॉलर ऑफ द ईयर2021 जयपुर - स्टार आईकॉन अवॉर्ड, सुमन सामाजिक संगठन हैदराबाद
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