- कार्यशाला के दूसरे दिन ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों को किया प्रशिक्षित
भोपाल। प्रदेश के आम वाहन मालिकों को बड़ी राहत प्रदान करते हुए परिवहन विभाग ने वाहन-4 पोर्टल के जरिये प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों के साथ अन्य राज्यों में भी एक समान सुविधा मुहैया कराने का निर्णय लिया है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के दिशा- निर्देश तथा प्रमुख सचिव परिवहन फैज अहमद किदवई के मार्गदर्शन और परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा की निगरानी में राजधानी समेत पूरे प्रदेश में 27 जुलाई से परिवहन विभाग वाहन-4 पोर्टल को शुरू करने जा रहा है। इसी तारतम्य में राजधानी भोपाल में 21 जुलाई से 2 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन प्रशासन अकादमी भोपाल में किया गया। कार्यशाला के दूसरे दिन ग्वालियर, चंबल, सागर, रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के जिलों के क्षेत्रीय, अतिरिक्त क्षेत्रीय एवं जिला परिवहन अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया। यह प्रशिक्षण भारत सरकार के द्वारा संचालित एनआईसी के वाहन-4 पोर्टल के सफल संचालन को लेकर दिया गया। अब प्रदेश के सभी परिवहन कार्यालयों में इसी पोर्टल के माध्यम से कार्य संचालन किया जाएगा। केन्द्र सरकार चाहती है कि देश के अन्य राज्यों के साथ अब प्रदेश में वाहनों के पंजीकरण सम्बन्धी सभी कार्य आरटीओ दफ्तर में वाहन-4 में किये जाएं जिससे जनता को बड़ी सुविधा प्राप्त हो सकेगी। इसके अलावा अन्य राज्यों से वाहनों के अंतरण या कार्यालयीन कार्य में एक समान सुविधा प्राप्त हो सकेगी।कार्यशाला में प्रमुख सचिव परिवहन फैज अहमद किदवई, परिवहन आयुक्त संजय कुमार झा, संभागीय उप परिवहन अधिकारी (भोपाल-नर्मदापुरम) अरुण कुमार सिंह, संभागीय उप परिवहन अधिकारी (जबलपुर-रीवा-शहडोल) सुनील शुक्ला तथा एनआईसी के स्वदेश शुक्ला उपस्थित रहे।
यह सुविधाएं भी मिलेंगी :
परिवहन विभाग द्वारा वाहन पोर्टल-4 में कार्य करने से प्रदेश के वाहन मालिक दूसरे राज्यों में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट लगवा सकेंगे । प्रदेश में कहीं भी वाहन खरीद खरीदने पर अपने जिले का नंबर ले सकेंगे तथा आस्थाई रजिस्ट्रेशन नंबर लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वाहन खरीदने के बाद उससे सत्यापन की जरूरत भी नहीं पड़ेगी, बल्कि एजेंसी पर ही सभी सुविधाएं मिल सकेंगी। वाहन मालिकों को भारत सीरीज का पंजीयन नम्बर प्राप्त हो सकेगा । इसके अलावा वाहन पोर्टल पर रजिस्टर्ड होने के बाद प्रदेश की किसी भी जिले का प्रदूषण प्रमाण पत्र अब अन्य राज्य में भी ही मान्य किया जाएगा।
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