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22 July 2022

जानें कितनी प्रॉपर्टी की मालकिन हैं द्रौपदी मुर्मू, लाखों की देनदारी भी

 द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। उन्होंने विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में ही हरा दिया। इसके साथ ही मुर्मू सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति भी बन गई हैं।



द्रौपदी मुर्मू देश की 15 वीं राष्ट्रपति बन गई हैं। वे इस सर्वोच्च संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली देश की पहली आदिवासी और दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं। NDA की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने विपक्ष के प्रत्याशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा को तीसरे राउंड की गिनती में ही पीछे छोड़ दिया। तीसरे राउंड में मुर्मू को 5 लाख 77 हजार 777 वोट मिले, जबकि जीत के लिए सिर्फ 5 लाख 43 हजार 261 वोट की जरूरत थी।

2 करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी

2014 के हलफनामे के मुताबिक, द्रौपदी मुर्मू के पास 2 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति है। इसके अलावा उनके पास कुल 14 लाख रुपए की देनदारी भी है। वहीं, यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रहे यशवंत सिन्हा द्वारा 2009 के लोकसभा चुनाव में दाखिल किए गए हलफनामे के मुताबिक, उनके पास 3 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति है। हालांकि सिन्हा के पास किसी भी तरह की देनदारी नहीं हैं।

मुर्मू के गांव में जीत का जश्न

द्रौपदी मुर्मू की जीत के बाद ओडिशा के मयूरभंज जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बैदापोसी के अलावा उपरबेड़ा और पहाड़पुर में भी जश्न शुरू हो गया है। लोग ढोल-नगाड़ों और पारंपरिक वाद्य यंत्र बजाकर मुर्मू की जीत की खुशियां मना रहे हैं। ओडिशा के रायरंगपुर कस्बे में भी उनके चाहने वाले लड्‌डू बांटकर खुशियां मना रहे हैं।

पार्षद से महामहिम तक का सफर

बता दें कि द्रौपदी मुर्मू ने 25 साल पहले पार्षद बनने से लेकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक का सफर तय किया है। द्रौपदी मुर्मू सबसे पहले 1997 में ओडिशा के रायरंगपुर नगर पंचायत से पार्षद का चुनाव जीती थीं। इसके तीन साल बाद 2000 में वो रायरंगपुर से पहली बार विधायक बनीं। बाद में उन्हें 2002 से 2004 के बीच भाजपा-बीजेडी सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला। 18 मई 2015 को द्रौपदी मुर्मू झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनीं। वो अपने राजनीतिक जीवन में कई प्रमुख पदों पर रह चुकी हैं। 

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