अरबपति रतन टाटा ने आजतक शादी क्यों नहीं की, यह सवाल कई लोगों के मन में बना होगा। जिसका जवाब हम आपको बताने जा रहे हैं और इसी के साथ आपको सच्चे प्यार पर यकीन हो जाएगा। अरबपति होने के बावजूद रतन टाटा क्यों रहे कुंवारे? वजह जानकर आपको भी सच्चे प्यार पर हो जाएगा यकीन
टाटा ग्रुप के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा को सिर्फ उनकी उपलब्धियों और काम के लिए ही नहीं जाना जाता है, बल्कि उनके विनम्र स्वभाव और जमीन से जुड़े रहने वाले व्यक्तित्व के कारण जाना जाता है। टाटा ग्रुप को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने वाले रतन टाटा आज करोड़ों लोगों के लिए किसी इंस्पिरेशन से कम नहीं हैं। उनकी प्रोफेशनल सफलता के बारे में तो हर कोई जानता है, लेकिन लव लाइफ से बहुत कम लोगों का ही परिचय होगा। ऐसा इसलिए भी क्योंकि रतन टाटा ने आजतक शादी नहीं की, ऐसे में कई लोग सोचते होंगे कि उन्हें ऐसा कोई मिला नहीं या किसी लड़की से प्यार नहीं हुआ, तो उन्होंने कुंवारा रहना ही मुनासिब समझा। जबकि रतन टाटा को अपनी जिंदगी में चार बार प्यार हुआ था।
क्यों रतन टाटा ने शादी नहीं की?
कहते हैं कि सच्चा प्यार एक बार ही होता है और उसके बाद उस तरह का एहसास हो पाना नामुमकिन जैसा होता है। आपके रिलेशनशिप कई हो सकते हैं, लेकिन सच्चा प्यार लाइफ में एक बार ही दस्तक देता है, जब आप पूरी तरह से इसमें डूब जाते हैं। ऐसा ही कुछ रतन टाटा के साथ भी हुआ था, मगर उनकी शादी नहीं हो सकी। टाटा ने आज तक शादी नहीं की क्योंकि उन्होंने अपनी यंग ऐज में जिस लड़की से प्यार किया था, उससे वह शादी नहीं कर पाए। उसके बाद उन्होंने कभी प्यार की तलाश नहीं की। उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी उनकी पैतृक विरासत ‘द टाटा ग्रुप’ को समर्पित कर दी।
लव लाइफ को लेकर जब रतन टाटा ने क्या कहा था?
एक इंटरव्यू के दौरान रतन टाटा ने खुद इस बात का खुलासा किया था कि जब वह लॉस एंजलिस में एक आर्किटेक्चर फर्म में काम करते थे, तब उनकी मुलाकात एक लड़की से हुई और वह उसके प्यार में पड़ गए। उस समय उनकी लाइफस्टाइल बहुत ही कम्फर्टेबल थी और उन्होंने शादी करके सेटल डाउन होने का मन बनाया था। हालांकि, उन्होंने इंडिया में सात साल से बीमार चल रही अपनी दादी की देखभाल के लिए भारत वापस जाने का कठिन फैसला लिया। इसके बाद रतन टाटा वापस अपनी प्रेमिका से मिलने पहुंचे और उन्हें अपने साथ भारत ले जाने के बारे में सोच रहे थे, लेकिन ऐसा कभी हो नहीं सका। 1962 के भारत-चीन युद्ध के कारण महिला के पैरेंट्स अपनी बेटी को भारत भेजने में सहज नहीं थे। इस तरह दोनों का रिश्ता टूट गया।
रतन टाटा ने दी सच्चे प्यार की मिसाल
सच्चा प्यार कैसा होता है और उस शख्स के अलावा किसी और को दिल दे पाना नामुमकिन होता है, इसे रतन टाटा ने सच साबित किया। उनकी प्रेमिका से रिश्ता टूटने के बाद उन्होंने कभी प्यार को तलाश करने की कोशिश नहीं की, क्योंकि शायद वह जानते थे कि फिर कभी किसी से उस तरह से प्रेम नहीं पाएंगे। आजकल के वक्त में ऐसा करने वाले लोग शायद न के बराबर लोग होंगे, जो अपने प्यार की यादों के साथ अपनी पूरी जिंदगी निकाल दें।
सच्चे प्यार को भुला पाना आसान नहीं
इस बात में कोई दोराय नहीं है कि सच्चे प्यार को भुला पाना आसान नहीं होता है। कई लोग इससे निकलने के लिए दूसरे रिश्ते की तलाश करना शुरू कर देते हैं, जहां वह अपना गम बांटने की कोशिश करते हैं। हालांकि ऐसे रिश्ते भी बहुत जल्द दम तोड़ देते हैं। इससे बेहतर है कि आप अपने उस प्यार को अपनी ताकत बना लें और अपना ध्यान अपने काम में लगाने लग जाएं। टाटा ने अपने टूटे हुए रिश्ते से मन में कड़वाहट भरने के बजाय उसे एक प्यारी याद के रूप में अपने जीवन मे जगाए रखा, जिसने उन्हें मजबूत बनाया।
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