जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट द्वारा आयोजित सिविल जज की परीक्षा में इंटरव्यू में न्यूनतम 20 अंक हासिल करने की अनिर्वायता को चुनौती देते हुए याचिका दायर की गयी थी. हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू तथा जस्टिस वीरेन्द्र सिंह की युगलपीठ ने याचिका की सुनवाई करते हुए अनावेदकों को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है. युगलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि सिविल जज की नियुक्तियां अंतिम आदेश के अधीन रहेंगी.
इंटरव्यू में न्यूनतम 20 अंक अनिवार्य : समधि परसाई की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया है कि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट द्वारा सिविल जज वर्ग 2 की नियुक्ति के लिए परीक्षा का आयोजित की गयी थी. सिविल जज की मुख्य परीक्षा में उनका चयन हो गया था. इसके बाद इंटरव्यू आयोजित किया गया. इंटरव्यू में 50 में से न्यूनतम 20 अंक प्राप्त करना अनिवार्य है. याचिका में कहा गया कि इंटरव्यू में निर्धारित अंक नहीं होने के कारण वह चयनित नहीं हो सकी.
अगली सुनवाई 25 जुलाई को : याचिका में कहा गया कि मुख्य परीक्षा में उसने कम अंक प्राप्त करने वाले अभियार्थियों का चयन हो गया. याचिका की सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार जिन संस्थानों में नियुक्ति के लिए इंटरव्यू की शर्त अनिवार्य है, सिर्फ उन्हीं संस्थानों में इंटरव्यू लिया जाएगा. मध्यप्रदेश में यह नियम खुद बनाया गया है. भर्ती नियम में यह अनिर्वाय नहीं है. याचिका पर अगली सुनवाई 25 जुलाई को निर्धारित की गयी है याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता हेमंत श्रीवास्तव उपस्थित हुए।
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