भोपाल। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती अभी तक शराबबंदी की मांग को लेकर शिवराज सरकार की मुश्किलें बढ़ा रही थीं। अब उन्होंने हिमालय क्षेत्र में गंगा एवं उसकी सहयोगी नदियों पर 72 पॉवर प्रोजेक्ट बनाए जाने पर सवाल खड़े कर मोदी सरकार को भी छेड़ दिया है।
इसके बाद भाजपा ने निर्णय लिया कि अब उमा भारती से न तो कोई नेता बोलेगा और न ही उनसे पार्टी फोरम में किसी तरह की मुलाकात करेगा और न ही कार्यक्रम में शामिल होगा। संगठन ने अंदरूनी तौर पर उमा को लेकर सभी नेताओं को संदेश भिजवा दिया है। प्रदेश में शराबबंदी को लेकर 2 अक्टूबर गांधी जयंती से आंदोलन की चेतावनी देने पर मप्र भाजपा संगठन ने कड़ा एतराज जताया था। इसके बाद गंगा प्रोजेक्ट को लेकर सवाल उठाए जाने के बाद प्रदेश नेतृत्व ने पार्टी नेता एवं कार्यकर्ताओं को उमा भारती से दूरी बनाने को कहा है। यंू तो प्रदेश में शराबबंदी का मुद्दा 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले से ही गहराया हुआ है, लेकिन 2020 चौथी बार भाजपा की सरकार बनने के बाद उमा भारती ने शराबबंदी के मुद्दे को तूल दिया है। वे लगातार शराबबंदी को लेकर आंदोलन की चेतावनी देती आ रही हैं, लेकिन किसी न किसी कारण से वे हर बार टालती रही हैं। उमा ने एक बार फिर शराबबंदी को लेकर आंदोलन की धमकी दी है।
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