भोपाल। केंद्र सरकार ने एक बार फिर से मध्य प्रदेश (MP) को बड़ी सौगात दी है। दरअसल शहर में बढ़ते वाहन की संख्या को देखते हुए जाम से मुक्ति दिलाने के लिए 21 फ्लाईओवर बनाए जाएंगे। इसके लिए सेतु बंधन योजना के 21 फ्लाईओवर के मध्य प्रदेश के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई है। जिसके बाद फ्लाईओवर बनाने में लगने वाली खर्च की राशि केंद्र सरकार वहन करेगी। वहीं राज्य सरकार को भूमि अधिग्रहण करना होगा। यह जानकारी मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग द्वारा दी गई है।
बता दे कि राज्य सरकार एक तरफ जहां भूमि अधिग्रहण करेगी, वहीं इसका खर्च भी उठाएगी। बैठक में विभाग के प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई ने जानकारी देते हुए बताया कि केंद्र सरकार की सेतु बंधन योजना के लिए मध्य प्रदेश के शहरों में फ्लावर बनाने की स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके लिए जिलों का चयन भी किया जा चुका है। वहीं जिला कलेक्टर से फ्लाईओवर के प्रस्ताव मांगे गए हैं। जिन जिलों में फ्लाईओवर का निर्माण किया जाएगा। उसमें इंदौर में पांच, भोपाल में तीन, जबलपुर में दो, ग्वालियर में तीन, रतलाम में एक, सागर में तीन, खंडवा में एक, धार में एक, छतरपुर में एक और विदिशा में एक फ्लाईओवर का निर्माण किया जाना है।
वही 3 साल में फ्लाईओवर को बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए सरकार द्वारा 105 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है। बैठक में इस कार्य को समय सीमा में पूरा करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वही बैठक में विभाग के प्रमुख नीरज मंडलोई ने जानकारी देते हुए बताया कि जिलों द्वारा सूची भेज दी गई है। इसका परीक्षण करने के बाद भूमि अधिग्रहण की स्थिति और जरूरत का आकलन किया जाएगा। वही विस्तृत उल्लेख और आकलन पर रिपोर्ट तैयार करने के बाद इसका प्राक्कलन तैयार कर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। जिसकी स्वीकृति प्राप्त की जाएगी।
इधर अटल प्रोग्रेस वे के समीक्षा पर भी बड़ी सामने आई है। दरअसल इसके लिए 906 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। हालांकि पहले इसके लिए राज्य सरकार द्वारा खर्च राशि को वहन किया जा रहा था लेकिन अब इसका भुगतान भी केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। इसके लिए जल्दी भूमि स्वामी के नाम पर अधिसूचना जारी की जाएगी।अब तक की आई अपडेट के मुताबिक भिंड मुरैना और श्योपुर जिले में 1623 हेक्टेयर भूमि हस्तांतरित की जा चुकी है। जिसमें मुरैना में 190 और भिंड में 21 हेक्टेयर भूमि सहमति के आधार पर प्राप्त की गई है। हालांकि इन दोनों जिलों में अभी 50 और 21 हेक्टेयर भूमि के साथ देने के लिए तैयार नहीं है। श्योपुर में भू -स्वामी 609 हेक्टेयर भूमि देने के लिए तैयार नहीं है। जिसके बाद कुल 906 हेक्टेयर भूमि के लिए अधिग्रहण की कार्रवाई की जाएगी। वही भूमि अधिग्रहण में 350 सौ करोड़ रुपए से अधिक व्यय होंगे। जिसका खर्च केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। हालांकि 403 हेक्टेयर वन भूमि के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया जा चुका है 10 जुलाई को इसे केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
इतना ही नहीं अटल प्रोग्रेस में को 8 पैकेज में विभाजित किया गया है। पहला पैकेज राजस्थान और आठवां उत्तर प्रदेश में दिया जाएगा। 306 किलोमीटर लंबाई की छह पैकेज मध्य प्रदेश की सीमा में आएंगे जिसके निर्माण लागत 7997 करोड़ रुपए आंकी गई है। भूमि अधिग्रहण सहित अन्य मिलाकर इसकी कुल सीमा 8896 करोड़ रुपए तय की गई है।
No comments:
Post a Comment