कूनो नेशनल पार्क में 17 सितंबर को अफ्रीका से चीते आते ही यहां के जंगल का ईको सिस्टम बदल जाएगा। यहां रहने वाले तेंदुए अपनी कैट प्रजाति के एक नए वन्यप्राणी से पहली बार मुखातिब होंगे। बिल्कुल उनकी जैसी शक्ल वाले ये चीते 70 साल बाद उनकी टेरेटरी में आ रहे हैं। आखिर क्या कुछ बदलेगा जंगल में चीतों के आने से... इसी सवाल को हमने जानने की कोशिश की है...
हमने वन विहार भोपाल के पूर्व डायरेक्टर डॉ. सुदेश वाघमारे से पूछा कि तेंदुओं का क्या होगा? फिर कूनो पहुंचकर CCF उत्तम शर्मा से और अन्य अधिकारियों से भी यही सवाल दोहराया...
वाघमारे ने बताया कि जंगल में सबसे ताकतवर जानवर का ही राज चलता है। चीता तेंदुओं से ज्यादा शक्तिशाली और फुर्तीला है। 4 सेकंड में 80 किलोमीटर से ज्यादा की स्पीड पकड़ लेता है। 20 सेकंड में अपने शिकार को झपट्टा मारने का माद्दा रखता है।
ये भी तय है कि तेंदुओं और चीतों के बीच शिकार को लेकर फाइट होगी, लेकिन दोनों की अपनी स्ट्रैटजी है। तेंदुआ शिकार को अपने साथ पेड़ पर ले जाकर इत्मिनान से खाता है, लेकिन चीता ऐसा नहीं करता।
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