भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि बिहार में वह मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित करके अगला चुनाव लड़ेगी। अब सवाल है कि पार्टी चेहरा कहां से लाएगी? किसको नेता बना कर चुनाव लड़ेगी? भाजपा ने पिछले 30 साल में एक चेहरा तैयार किया है और वह चेहरा है सुशील मोदी का। उनके अलावा भाजपा के पास कोई एक चेहरा नहीं है, जिसको पूरे बिहार में लोग जानते हों। किसी खास कारण से भाजपा आलाकमान ने सुशील मोदी के किनारे करने के लिए उनको 2020 के विधानसभा चुनाव के बाद उप मुख्यमंत्री नहीं बनवाया तो लगा था कि पार्टी अब कोई नया चेहरा आगे करेगी। पार्टी ने दो चेहरे आगे किए लेकिन दोनों चेहरे ऐसे, जिनसे पार्टी को एक वोट का फायदा नहीं हो सकता है।
सुशील मोदी को हटा कर एक ही जगह दो उप मुख्यमंत्री नियुक्त किए गए। पहले तारकिशोर प्रसाद और दूसरी रेणु देवी। ये दोनों अपने अपने विधानसभा क्षेत्र के नेता हैं। तभी सवाल है कि क्या इन दोनों में से कोई चेहरा घोषित करके पार्टी चुनाव लड़ेगी? भूपेंद्र यादव के प्रदेश का प्रभारी बनने के बाद से नित्यानंद राय को बहुत आगे बढ़ाया गया। लेकिन अब तेजस्वी यादव डिफैक्टो मुख्यमंत्री हैं तो क्या पार्टी कोई यादव चेहरा घोषित करके चुनाव लड़ सकती है? संजय जायसवाल प्रदेश अध्यक्ष हैं लेकिन वे भी अपने लोकसभा क्षेत्र के ही नेता हैं। गिरिराज सिंह अपने बड़बोलेपन की वजह से जाने जाते हैं लेकिन सवर्ण समाज से होने की वजह से उनकी भी संभावना नहीं है। भाजपा के पास ले-देकर सम्राट चौधरी का विकल्प है। अगर पार्टी अपने पूर्वाग्रह छोड़ कर उनको चेहरा बनाए तो नीतीश-तेजस्वी के गठजोड़ को टक्कर दे पाएगी। भाजपा के पास कुशवाहा के नेतृत्व में अति पिछड़ी, दलित और सवर्ण जातियों का समीकरण बनाने का मौका है।
No comments:
Post a Comment