राजस्थान राजनीतिक संकट पर कांग्रेस के पर्यवेक्षकों ने रिपोर्ट सोनिया गांधी को भेज दी है. इस रिपोर्ट में सियासी संकट के लिए अशोक गहलोत को जिम्मेदार नहीं ठहराते हुए क्लीन चिट देने की बात सामने आई है. साथ ही पर्यवेक्षकों से अलग दूसरी बैठक बुलाने वाले प्रमुख तीन नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है. मंत्री और विधायक शांति धारीवाल, मंत्री और विधायक प्रताप सिंह खाचरियावास, कांग्रेस नेता धर्मेंद्र राठौड़ के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा हुई है.
राजस्थान में कांग्रेस विधायक सचिन पायलट को सीएम बनाने का विरोध कर रहे थे. विरोध को खत्म करने के लिए कांग्रेस आलाकमान ने मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को पर्यवेक्षक बनाकर भेजा था. लेकिन विधायकों ने पर्यवेक्षकों की बातें मानने से इनकार कर दिया था. साथ ही अजय माकन पर सचिन पायलट के लिए लॉबी करने का आरोप लगाया था. गहलोत गुट के विधायकों ने कैबिनेट मंत्री शांति धारीवाल के घर एक बैठक भी बुला ली थी. इस मीटिंग में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के साथ चीफ व्हिप डॉ महेश जोशी भी शामिल थे. गहलोत के समर्थन में विधायकों के इस्तीफे की बात भी सामने आई थी, लेकिन अब कई विधायक इस्तीफे की बात से इनकार कर चुके हैं. यह भी कह रहे हैं कि उनको उस मीटिंग में धोखे से बुलाया गया.
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