कांग्रेस (Congress) प्रवक्ता जयराम रमेश (Jairam Ramesh) ने गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर वो कांग्रेस छोड़कर चले गए हैं तो जाने दो, कांग्रेस के पास ऐसे 25 नेता हैं. उन्होंने कहा कि पार्टी छोड़कर जाने वाले वरिष्ठ नेताओं की जगह भरने के लिए कमी नहीं है. उनकी जगह लेने वाले कार्यकर्ताओं और नेताओं की कांग्रेस में भरमार है.
अंग्रेजी वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, उन्होंने कहा कि पार्टी का यूथ कैडर मजबूत हो रहा है और आने वाले दिनों में देखने को मिलेगा कि बहुत से युवाओं को पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां मिलेंगी. दरअसल जयराम रमेश इन दिनों राहुल गांधी के साथ कर्नाटक में भारत जोड़ो यात्रा पर हैं. उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह भी मौजूद हैं. इन लोगों ने कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में इस यात्रा में हिस्सा लिया.
‘भारत जोड़ो यात्रा के बाद राहुल की इमेज बदली’
जयराम रमेश से जब भारत जोड़ो यात्रा में युवाओं की भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि इस यात्रा में हिस्सा लेने वाले युवाओं की औसत आयु 34 साल के आसपास है. इन 35 दिनों में राहुल गांधी की छवि काफी बदल गई है. बीजेपी जिस छवि को पेश किया था वो अब धुंधली हो रही है. वहीं, पार्टी से जुड़े सूत्रों ने ये भी संकेत दिया है कि भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस में युवाओं के साथ फेरबदल देखने को मिलेगा.
2024 लोकसभा चुनाव की नींव है भारत जोड़ो यात्रा’
जयराम रमेश ने कहा है कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान ज्यादातर ध्यान जनता तक पहुंचने पर रहा है, ये साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की नींव है. हां, ये यात्रा चुनावी राजनीति के लिए नहीं है बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए एक मंच तैयार करेगी. अब चुनौती ये है कि हम इस गति को कैसे बनाए रखते हैं और संगठनात्मक सुधार लाते हैं. आने वाले दिनों में इस पर ध्यान दिया जाएगा.
जयराम रमेश का बीजेपी पर हमला
जयराम रमेश से जब पूछा गया कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कोई जमीनी प्रभाव देखने को मिला तो उन्होंने जवाब में कहा कि बीजेपी का जनसंकल्प कार्यक्रम भारत जोड़ो यात्रा की एक प्रतिक्रिया ही तो है. जब काम की बात आती है तो बीजेपी के पास दिखाने के लिए कुछ है ही नहीं. वो सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ नकारात्मक प्रचार का ही इस्तेमाल कर रहे हैं. ये कोई मन की बात नहीं है जहां पर सिर्फ एक इंसान बोलेगा और बाकी सुनेंगे. हम यहां बात करने नहीं बल्कि लोगों की बातें सुनने आए हैं.
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