भारतीय वायुसेना ने शनिवार को अपने 90वें स्थापना दिवस पर सैनिकों के लिए नई यूनिफॉर्म लॉन्च की। वायुसेना प्रमुख वीआर चौधरी ने बताया कि आजादी के बाद पहली बार वायुसेना के लिए एक नई ऑपरेशनल ब्रांच बनाई जा रही है। नई ब्रांच और नई यूनिफॉर्म की जरूरत क्यों महसूस हुई यह जानने से पहले इस सवाल का जवाब तलाशिए।
एयरफोर्स डे पर दो नई बातें हुईं
पहली: IAF को नई ऑपरेशनल ब्रांच की मंजूरी मिली है। वायुसेना की इस चौथी ब्रांच से सरकार को 3400 करोड़ की बचत होगी।
नई ब्रांच से क्या फायदा होगा: एयरचीफ मार्शल ने कहा कि नई ब्रांच के बनने से फ्लाइंग ट्रेनिंग का खर्च भी घट जाएगा। उन्होंने कहा कि वैपन सिस्टम ब्रांच सतह से सतह पर मार करने वाली, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, रिमोट पायलट के जरिए एयरक्राफ्ट फ्लाइंग और ट्विन या मल्टी क्रू एयरक्राफ्ट का संचालन करेगी।
मौजूदा वॉर कंडीशन को देखा जाए तो एयरफोर्स की उपयोगिता सबसे ज्यादा होती है, ऐसे में यह नई ब्रांच आर्मी और नेवी से कोऑर्डिनेशन के लिए अभी से तैयारियां करेगी। इस ब्रांच में नए वैपन सिस्टम ऑपरेटर्स भी शामिल होंगे जो ट्विन इंजन या एसयू -30 MKI जैसे मल्टी क्रू प्लेन में उड़ान भरेंगे।
दूसरी- वायु सेना को नई वर्दी मिली है। इस वर्दी की खासियत है कि यह कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक किसी भी मौसम में सैनिकों के लिए आरामदायक रहेगी।
नई यूनिफॉर्म की खासियत: भारतीय वायु सेना की नई यूनिफॉर्म सेना की वर्दी की तरह ही है। वायुसेना की थीम भी इस बार 'ट्रांसफॉर्मिंग फॉर फ्यूचर' रखी गई है। यूनिफॉर्म का डिजिटल पैटर्न सभी इलाकों के अनुकूल है। यह सैनिकों को रेगिस्तान, पहाड़ी भूमि, जंगल जैसी जगहों से मूव करने में कम्फर्टेबल बनाए रखेगी। इस यूनिफॉर्म को एयरफोर्स की स्टैंडिंग ड्रेस कमेटी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (NIFT) ने डिजाइन किया है।
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