कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए सोमवार शाम 4 बजे देश में एक साथ वोटिंग खत्म हो गई है। पार्टी गठन के 137 साल के इतिहास में ऐसा छठवीं बार और साल 1998 के बाद पहली बार प्रेसिडेंट चुनने के लिए वोट डाले गए।
अध्यक्ष पद के लिए सोनिया गांधी, मनमोहन सिंह, राहुल गांधी और अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेताओं ने मतदान किया। कांग्रेस मुख्यालय पर 87 डेलिगेट्स ने मतदान डाला। वोटिंग के बाद सोनिया गांधी ने कहा कि नए अध्यक्ष का इंतजार लंबे वक्त से था।
वोटिंग खत्म होने के बाद चुनाव प्रभारी मधुसूदन मिस्त्री ने बताया कि 9900 में से 9500 डेलिगेट्स ने वोट डाले। यानी कुल पोलिंग 96% रही। सभी राज्यों से 18 अक्टूबर को बैलेट बॉक्स आएगा। इन्हें AICC हेडक्वार्टर्स में बनाए गए स्ट्रॉन्ग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा जाएगा।
19 अक्टूबर को वोटों की गिनती होगी। मतगणना शुरू होने से पहले मतपत्रों को मिलाया जाएगा ताकि किसी को पता न चले कि किसी उम्मीदवार को किसी राज्य विशेष से कितने वोट मिले हैं।
थरूर का ट्वीट- इतिहास याद रखेगा, हम खामोश नहीं थे
वोटिंग से पहले राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में शशि थरूर को पोलिंग एजेंट्स नहीं मिले। कांग्रेस ने इसके बाद नियमों में बदलाव किया और उन्हें पोलिंग एजेंट्स उपलब्ध कराए गए। कांग्रेस संविधान के मुताबिक वोट डालने वाले डेलिगेट्स ही पोलिंग एजेंट होते हैं। इसी बीच, शशि थरूर ने एक ट्वीट में लिखा है- कुछ लड़ाइयां हम इसलिए भी लड़ते हैं कि इतिहास याद रख सके कि वर्तमान खामोश नहीं था।
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