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14 October 2022

गुजरात में BJP को फायदा न हो इसलिए इस्तीफा:AAP के पूर्व मंत्री बोले- राजनीति में ऐसे फैसले लेने पड़ते हैं

 


दिल्ली में 5 अक्टूबर को एक कार्यक्रम हुआ। इसमें आम आदमी पार्टी के कैबिनेट मंत्री राजेंद्र गौतम मौजूद थे। इसी दौरान शपथ ली गई कि ‘मैं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, राम, कृष्ण को ईश्वर नहीं मानूंगा और उनकी पूजा नहीं करूंगा।’

BJP ने इस कार्यक्रम को हिंदू धर्म को अपमानित करने की साजिश बताया और कहा कि अरविंद केजरीवाल ‘हिंदू विरोधी’ हैं। 4 दिन बाद राजेंद्र गौतम ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। कयास लगाए गए कि पार्टी को गुजरात चुनाव में नुकसान न हो, इसलिए ये इस्तीफा लिया गया। हमने पूरे मामले पर आप नेता और सीमापुरी सीट से विधायक राजेंद्र गौतम से बात की। उनसे पूछा कि इस्तीफे की असली वजह क्या है…

सवाल: जिस कार्यक्रम में आप शामिल हुए थे, उसमें ऐसा क्या हुआ कि विवाद खड़ा हो गया?
जवाब: 5 अक्टूबर के कार्यक्रम में जो 22 प्रतिज्ञाएं दिलाई गईं, वे बातें बाबा साहेब ने 14 अक्टूबर 1956 को नागपुर में कही थीं। उन्होंने कहा है कि मैं हिंदू धर्म में पैदा हुआ, ये मेरे बस की बात नहीं थी, लेकिन मैं हिंदू मरूंगा नहीं, ये मेरे बस में है। बाबा साहेब ने दुनिया के सभी धर्मों का अध्ययन किया। उन्हें लगा कि बुद्ध का धर्म शांति और मानवता सिखाने वाला है। मैंने ठीक वही बातें दोहराई हैं, जो बाबा साहेब ने कही हैं।

सवाल: अगर आपको लगता है कि आपने कुछ गलत नहीं किया तो इस्तीफा क्यों दिया, क्या CM केजरीवाल ने इसके लिए कहा था?
जवाब: देशभर में आज भी दलितों के उत्पीड़न की घटनाएं होती रहती हैं। मैं इन घटनाओं से आहत था। 5 अक्टूबर के कार्यक्रम के बाद, BJP ने इसे मुद्दा बनाकर घटिया राजनीति की। जिसके बाद मैंने सोचा कि मैं मंत्री पद त्यागकर देश से जातिवाद मिटाने के अभियान को फिर से आगे बढ़ाऊं।

सवाल: BJP ने आपके इवेंट के जरिए नरेटिव सेट कर दिया कि आम आदमी पार्टी हिंदू विरोधी है, बाद में आपने इस्तीफा दे दिया। लोगों की नजरों में तो AAP बैकफुट पर है?
जवाब: 
मंत्री की कुर्सी बहुत छोटी बात होती है। मैं अपने समाज के लिए हक की लड़ाई लड़ना पसंद करूंगा। मैं डरने वाला व्यक्ति नहीं हूं। लोग मेरी हत्या कर सकते हैं, लेकिन बाबा साहेब की शिक्षाओं की हत्या नहीं कर सकते।

सवाल: कहा जा रहा है कि गुजरात चुनाव में पार्टी को नुकसान हो सकता था, इसलिए आपसे इस्तीफा लिया गया?
जवाब: 
इस्तीफा देने का फैसला मेरा खुद का है। मैं चाहता था कि गुजरात में किसी भी कीमत पर BJP को फायदा नहीं मिलना चाहिए, मैं ये नहीं होने दे सकता। इसलिए मैंने अपने मन से ही इस्तीफा देने का फैसला किया। अब मैं विधायक के तौर पर अपने विधानसभा के लोगों की लड़ाई लडूंगा और वकालत के जरिए अपने लोगों के केस लड़ूंगा।

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