साल 1942 की बात है। रूस के लेनिनग्राद शहर पर कब्जे के बाद हिटलर के 3 लाख नाजी सैनिक स्टालिनग्राद शहर की तरफ बढ़ रहे थे। शहर बचाना मुश्किल था। तभी सोवियत सरकार ने लामबंदी का आदेश दिया। लाखों रूसियों को फौज में भर्ती करके जंग में भेज दिया गया। शहर की सड़कें मर्दों से सूनी पड़ गईं।
80 साल बाद रूस में फिर वैसे ही हालात बन रहे हैं। शहर की सड़कों पर पुरुष कम दिखाई देते हैं। जो दिख भी रहे हैं, उन्हें पुलिस पकड़ रही है। भास्कर एक्सप्लेनर में जानेंगे कि आखिर कहां गायब हो रहे हैं रूस के पुरुष?
सोशल मीडिया में दावा किया जा रहा है कि मॉस्को के एक मेट्रो स्टेशन के बाहर तैनात पुलिस मर्दों को पकड़-पकड़ कर सेना में भर्ती कर रही है।
7 लाख से ज्यादा रूसी पुरुषों ने छोड़ा देश
लामबंदी की घोषणा के बाद से रूस के पुरुष देश छोड़कर जाने लगे हैं। तीन हफ्तों में इनकी संख्या 7 लाख से ज्यादा हो गई। 2 लाख कजाकिस्तान, 1.19 लाख यूरोपीय देश और 49 हजार जॉर्जिया चले गए। इसके अलावा अर्मेनिया, अजरबैजान, इजराइल और अर्जेंटीना जैसे देशों में भी लाखों पुरुषों ने पलायन किया है। हालांकि पुतिन सरकार ने इस डेटा को गलत बताया है।
बीबीसी के मुताबिक नोवाया गैजेट अखबार ने दावा किया है कि आंशिक लामबंदी के तहत रूस 3 लाख नहीं बल्कि 10 लाख से ज्यादा पुरुषों की सेना में भर्ती कर रहा है। अखबार का कहना है कि रूस सरकार के आदेश का एक पैराग्राफ जारी नहीं किया गया है, जिसमें ये बात कही गई है।
तीन कहानियों से जानिए, पुरुषों के रूस छोड़ने की वजहें
NYT ने एक रिपोर्ट में तीन महिलाओं की कहानी छापी है, जिससे वजहें साफ हो जाती हैं…
1. मॉस्को में चॉप-चॉप सैलून की मैनेजर ओला बताती हैं कि सैलून में आमतौर पर काफी भीड़ होती थी, लेकिन अब यह पूरी तरह से खाली रहता है। उसके पार्टनर तक ने जंग में भेजे जाने की डर से देश छोड़ दिया है।
2. 33 वर्षीय फोटोग्राफर स्टानिस्लावा ने बताया कि उसने जन्मदिन की पार्टी दी थी। इस दौरान कुछ सामान ले जाने के लिए जब वह पुरुष साथियों की तलाश करने लगी तो उसे महसूस हुआ कि उसके आसपास अब कम पुरुष रह गए हैं।
3. लिजा नाम की एक महिला ने बताया कि उसके पति एक मल्टीनेशनल कंपनी में वकील थे। उन्हें जंग लड़ने की कोई तरकीब नहीं आती थी, लेकिन एक रोज पुलिस ने उन्हें सेना में भर्ती होने का नोटिस थमा दिया। इसके बाद उसके पति ने देश छोड़ने का फैसला किया। वह इकलौती ऐसी महिला नहीं हैं, जिसके पति इन दिनों अपने परिवार को छोड़कर दूसरे देश जा रहे हैं। ऐसे परिवार की संख्या लाखों में है।
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