26 अप्रैल 2022 की बात है। एलन मस्क के ट्विटर खरीदने की डील हो चुकी थी। NYT के एक रिपोर्टर ने ट्वीट किया कि अब चीन को इसका फायदा मिलेगा। अमेजन के मालिक जेफ बेजोस ने भी इसे रीट्वीट करते हुए चिंता जाहिर की।
7 महीने बाद आखिरकार 27 अक्टूबर को एलन मस्क ने ट्विटर खरीद लिया है। मालिक बनते ही उन्होंने सबसे पहले ट्विटर के 3 टॉप लोगों को नौकरी से निकाल दिया। इसमें दो भारतीय मूल के हैं- CEO पराग अग्रवाल और लीगल पॉलिसी हेड विजया गड्डे। इस एक्शन के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर के मालिक बनते ही एलन मस्क चीन की खुशामद में जुट गए हैं?
एपिसोड-1: पराग से हामी भरने के बावजूद बोर्ड मीटिंग में नहीं गए मस्क
4 अप्रैल 2022 को ट्विटर के 9.2% शेयर के साथ एलन मस्क सबसे बड़े शेयरहोल्डर बन गए। 5 अप्रैल को सुबह 6:18 बजे एलन मस्क ट्विटर पर एक पोल में पूछते हैं कि क्या आप एडिट बटन चाहते हैं? इसके बाद 6:54 बजे ट्विटर CEO पराग अग्रवाल इसे रिट्वीट कर कहते हैं कि इस पोल के नतीजे अहम होंगे। कृपया ध्यान से वोट करें।
5 अप्रैल को ही शाम 6:02 बजे पराग ट्वीट कर एलन मस्क का कंपनी के बोर्ड में स्वागत करते हैं। अग्रवाल कहते कि मस्क हमारी सेवा में यकीन रखने वाले हैं और गंभीर आलोचक हैं। खुद को लंबे समय के लिए मजबूत बनाने के लिए हमें ट्विटर और हमारे बोर्ड रूम में इसी की जरूरत है।
11 अप्रैल को पराग ने ट्वीट कर कहा कि मस्क ने ट्विटर बोर्ड में नहीं शामिल होने का फैसला किया है। आगे उथल-पुथल देखने को मिल सकती है। फैसले लेना और उन्हें लागू करना हमारे हाथ में है, किसी और के हाथ में नहीं है। हमें अपने काम पर ध्यान देना है।
इस दौरान मस्क और ट्विटर CEO पराग अग्रवाल के बीच कई बार मीटिंग हुई, लेकिन फ्री स्पीच, एडिट बटन जैसे मुद्दे पर टकराव की स्थिति बनी रही। इसी वजह से मस्क और पराग के बीच तल्खी बढ़ती गई।
एपिसोड-2: ट्विटर डील से मुकरने पर पराग-मस्क का ट्वीट वार
13 अप्रैल 2022 को एलन मस्क ट्विटर को खरीदने के लिए बोर्ड को पत्र लिखकर 44 अरब डॉलर यानी 3.37 लाख करोड़ रुपए का ऑफर देते हैं। 15 अप्रैल को ट्विटर बोर्ड ने ये ऑफर ठुकरा दिया, लेकिन 25 अप्रैल को मस्क का ऑफर स्वीकार कर लिया है।
26 अप्रैल को एलन मस्क ट्विटर पर फ्री स्पीच जैसे मुद्दों को उठाते हैं। साथ ही कहते हैं कि ट्विटर अपना रास्ता भटक गया है। ट्विटर बोलने की आजादी पर रोक लगाता है, जबकि दुनिया के टाउन हॉल के तौर पर उसे सबसे पहले फ्री स्पीच वाली जगह बनना चाहिए।
इसके बाद मस्क ट्विटर पर बोट्स यानी फेक अकाउंट के बारे में बात करने लगते हैं और ट्विटर से असली यूजर्स की संख्या पूछते हैं। ट्विटर बयान जारी कर बताता है कि रोजाना के एक्टिव यूजर्स में से 5% फेक हैं।
16 मई 2022 को पराग एक लंबा थ्रेड पोस्ट शेयर करते हैं। वह समझा रहे थे कि ट्विटर कैसे संभावित स्पैम का ह्यूमन रिव्यू करता है। मस्क ने उस थ्रेड के जवाब में पूछा कि क्या आपने उन्हें कॉल करने की कोशिश की? टेस्ला के CEO ने पराग के पूरे थ्रेड के जवाब में पाइल ऑफ पू इमोजी भी ट्वीट किया। इसका मतलब हुआ कि पराग गुड़-गोबर कर रहे हैं।
एपिसोड-3ः ट्विटर डील से मुकरने के बाद मुकदमा
8 जुलाई 2022 को एलन मस्क ट्विटर डील से पीछे हटने का ऐलान करते हैं। इसके ट्विटर ने एलन मस्क के खिलाफ अमेरिका के डेलावेयर कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। ट्विटर चाहता है कि 54.20 डॉलर प्रति शेयर के हिसाब से जो डील हुई है, मस्क उसे पूरा करें। मस्क ने इस मुकदमे के बाद ट्विटर का नाम लिए बिना एक ट्वीट किया। इसमें उन्होंने लिखा, "जरा विडंबना देखिए।"
11 जुलाई को मस्क ने अपने टि्वटर हैंडल पर एक हंसती हुई तस्वीर शेयर करते हुए ट्विटर की धमकियों का मजाक बनाया था। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था कि पहले उन्होंने (टि्वटर) कहा कि मैं उनकी कंपनी खरीद नहीं सकता। बाद में बोले कि वे बॉट (फेक अकाउंट) का खुलासा नहीं कर सकते और अब वह मुझे अदालत के जरिए टि्वटर को खरीदने के लिए मजबूर करना चाहते हैं, लेकिन अब उन्हें अदालत में बॉट का खुलासा भी करना होगा।
एपिसोड-4: ट्रंप को बैन करने से नाराजगी
अमेरिकी के दक्षिणपंथी यूजर्स लगातार ये दावा करते रहे हैं कि ट्विटर उनकी आवाज को दबाता रहा है। ट्विटर हमेशा इससे इनकार करता रहा है। ट्विटर ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी बैन लगा रखा है। एलन मस्क इस फैसले को बेवकूफाना बता चुके हैं। साथ ही उन्होंने इस फैसले को पलटने की भी बात कही है।
कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया था कि अप्रैल में ट्विवटर CEO पराग के साथ मीटिंग में भी मस्क इस मुद्दे को उठा चुके हैं। पराग के साथ इस मुद्दे पर भी टकराव बना रहा।
अब आते हैं उस सवाल पर जो NYT का रिपोर्टर और जेफ बेजोस जैसे लोग उठा रहे हैं। यानी कैसे एलन मस्क के हाथ में ट्विटर जाने पर चीन को फायदा पहुंचेगा? इसके लिए जानिए कि कैसे चीन से एलन मस्क के हित जुड़े हुए हैं…
- टेस्ला का दूसरा सबसे बड़ा बाजार चीन है। 2019 में टेस्ला ऐसी पहली विदेशी कार कंपनी बनी थी, जिसे चीन में पूरी तरह उसके मालिकाना हक वाली कार फैक्ट्री लगाने की इजाजत मिली थी। इससे पहले दुनिया की बड़ी कार कंपनियों, जैसे जनरल मोटर्स, फॉक्सवैगन, फोर्ड और टोयोटा को चीन में अपनी फैक्ट्रियां लगाने के लिए स्थानीय चीनी कंपनियों के साथ पार्टनरशिप करनी पड़ती थी।
- 2022 के पहले क्वॉर्टर में टेस्ला ने चीन से 4.65 अरब डॉलर, यानी करीब 35,340 करोड़ रुपए की कमाई की, जो एक साल पहले की तुलना में 52.8% ज्यादा है। इस दौरान टेस्ला की कुल कमाई में से 24.8% चीन से हुई। 2021 में भी चीन टेस्ला का दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा बाजार रहा था।
- टेस्ला की इलेक्ट्रिक गाड़ियों में लगने वाली बैटरियों का चीन सबसे बड़ा सप्लायर है। जनवरी में मस्क की कंपनी टेस्ला ने चीन के विवादित शिनजियांग प्रांत में एक शो-रूम खोला था। इसकी अमेरिका में खूब आलोचना हुई थी। दरअसल, चीन पर शिनजियांग में उइगर मुस्लिमों के उत्पीड़न के आरोप लगते रहे हैं।
प्रोपेगैंडा स्पीकर की तरह ट्विटर का इस्तेमाल कर सकती है चीन सरकार
ट्विटर पर मौजूद चीन के सरकारी और मीडिया अकाउंट्स चीन के कई प्रोपेगैंडा चलाते रहे हैं। चाइनीज स्टेट मीडिया ने 2019 में हांगकांग में हुए विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ लिखे गए आर्टिकल्स को प्रमोट करने के लिए ट्विटर पर पेड ऐड चलाए थे।
इसके बाद ट्विटर ने स्टेट मीडिया अकाउंट्स द्वारा ट्वीट्स के ऐड या प्रमोशन करने पर रोक लगा दी थी। ये कदम चीनी स्टेट मीडिया के प्रोपेगैंडा को रोकने के लिए उठाया गया था।
अगस्त 2020 में ट्विटर ने CGTN, शिन्हुआ, पीपुल्स डेली और चाइना डेली जैसे चाइना स्टेट मीडिया के ट्विटर हैंडल्स और उनके लिए काम करने वाले पत्रकारों के अकाउंट पर 'चीन स्टेट एफिलिएटेड मीडिया' का लेबल अटैच कर दिया था। ट्विटर ने कहा था कि वह इन अकाउंट्स को प्राथमिकता देना बंद करेगा और उन्हें टॉप सर्च रिजल्ट में नहीं दिखाएगा।
ट्विटर के इस फैसले के बाद प्रमुख चीनी स्टेट मीडिया अकाउंट्स के ट्वीट्स की रीच घट गई। चीन के तीन सबसे लोकप्रिय ट्विटर अकाउंट्स CGTN, शिन्हुआ और पीपुल्स डेली जिनके कुल मिलाकर 3.3 करोड़ ट्विटर फॉलोअर्स हैं, उनके ट्वीट्स की रीच में 20% तक गिरावट आई।
माना जा रहा है कि चीन के साथ अपने संबंधों की वजह से अगर मस्क ट्विटर की इन नीतियों को वापस ले लेते हैं, तो इससे चीन के लिए ट्विटर के जरिए फिर से अपना प्रोपेगैंडा चलाने का रास्ता साफ हो जाएगा।
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