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14 October 2022

गहलोत ने खड़गे के लिए तोड़ा प्रोटोकॉल:कांग्रेस की गाइडलाइन के खिलाफ जाकर मांगे अध्यक्ष पद के लिए वोट; थरूर का ऐतराज



 राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद के प्रत्याशी मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए पार्टी का प्रोटोकॉल तोड़ा है। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के मुताबिक वह किसी भी प्रत्याशी का खुलकर समर्थन नहीं कर सकते हैं, इसके बावजूद गहलोत ने खड़गे के लिए वोट मांगे। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव की क्या गाइडलाइन है और गहलोत के वोट मांगने से क्या विवाद शुरू हुआ है

सबसे पहले जानते हैं गहलोत ने क्या कहा और क्या किया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करके कांग्रेस अध्यक्ष पद पर मल्लिकार्जुन खड़गे को वोट देने की अपील पार्टी कार्यकर्ताओं से की। वीडियो में गहलोत ने कहा- कांग्रेस अध्यक्ष वो हो, जो अनुभव के साथ संगठन, नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ संपर्क रखता हो। उसकी हैसियत ऐसी हो जो तमाम विपक्षी दलों से बातचीत कर सकता हो। केंद्र सरकार और भाजपा से अब सब दलों को मिलकर संघर्ष करना है।

अध्यक्ष ऐसा व्यक्ति बने, जो सबको साथ लेकर चलने की क्षमता रखता हो। खड़गे की योग्यता देखकर हम उनके प्रस्तावक बने। मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं, वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खड़गे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे। कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी‌। यह मेरी सोच है, मेरी शुभकामनाएं हैं, खड़गे भारी मतों से कामयाब हों।

मल्लिकार्जुन खड़गे अनुभवी व्यक्तित्व के धनी हैं। नौ बार विधानसभा और दो बार सांसद को मिलाकर उनका 50 साल से ज्यादा का अनुभव है। खड़गे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्होंने कांग्रेस की नीतियों, विचारधारा और कार्यक्रमों को आत्मसात किया है। हिंदी अंग्रेजी में कमांड रखते हैं। उन्होंने संघर्षमय जीवन जिया है।

अब जानिए क्या है कांग्रेस की गाइडलाइन
कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार कोई नेता पद पर रहते हुए किसी उम्मीदवार का प्रचार नहीं कर सकता है। कांग्रेस चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष मधुसूदन मिस्त्री ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव काे लेकर 30 सितंबर को ही 7 पॉइंट की गाइडलाइन जारी की थी। इस गाइडलाइन के अनुसार कांग्रेस के प्रभारी महासचिव, प्रभारी सचिव, राष्ट्रीय पदाधिकारी, विधायक दल के नेता, पार्टी के प्रवक्ता अध्यक्ष पद के किसी उम्मीदवार का पद पर रहते हुए प्रचार नहीं कर सकते।

अगर उन्हें किसी उम्मीदवार का प्रचार करना है तो पहले उन्हें पद छोड़ना होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल के नेता है, ऐसे में वह पार्टी गाइडलाइन के अनुसार खड़गे का प्रचार नहीं कर सकते हैं।

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