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13 October 2022

हाई कोर्ट से उद्धव ठाकरे गुट को राहत, BMC स्वीकार करे ऋतुजा लटके का इस्तीफा

 


उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदवार ऋतुजा लटके (Rutuja Latke) के इस्तीफे को लेकर मचे बवाल के बीच बॉम्बे हाई कोर्ट ने बीएमसी (BMC) को बड़ा झटका दिया है. इस मामले पर सुनवाई करते हुए गुरुवार (13 अक्टूबर) को हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने कहा कि ऋतुजा लटके का इस्तीफा शुक्रवार (14 अक्टूबर) सुबह 11 बजे तक स्वीकार करें. 

मुंबई की अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में ऋतुजा लटके उद्धव ठाकरे गुट की उम्मीदवार हैं. शिवसेना विधायक रमेश लटके के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव हो रहा है. ऋतुजा लटके दिवगंत विधायक रमेश लटके की पत्नी हैं. 3 नवंबर को होने वाले इस उपचुनाव में नामांकन करने की आखिरी तारीख कल यानी 14 अक्टूबर ही है. दोपहर 3 बजे तक नामांकन करने का समय है. 

बीएमसी नहीं कर रही इस्तीफा मंजूर

ऋतुजा लटके बृहनमुंबई नगर निगम (BMC) में क्लर्क हैं. दो सितंबर को उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था. उन्होंने अनुरोध किया था कि चुनाव होने के बाद उनका इस्तीफा मंजूर किया जाए. बीएमसी उनका इस्तीफा मंजूर नहीं कर रही थी. जिसके बाद शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. 

कोर्ट में पहुंचा मामला

हाई कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई के दौरान बीएमसी के वकील साखरे ने कहा कि मैंने बीएमसी अधिकारियों से बात की, ऋतुजा लटके के खिलाफ शिकायत पेंडिंग है. उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत है और रिश्वतखोरी की विभागीय जांच चल रही है. काम के दौरान वह कभी ऑफिस नहीं जाती थी. वह केवल संपर्क के लिए काम करती थी. हम 30 दिनों का नोटिस पूरा होने से पहले निर्णय लेंगे. इस मामले की शिकायत 12 अक्टूबर को दर्ज की गई थी. 

क्या कहा ऋतुजा लटके के वकील ने?

ऋतुजा लटके के वकील विश्वजीत सावंत ने कहा कि यह एक दुर्भावनापूर्ण शिकायत है और इसे किसी और के मार्गदर्शन के आधार पर किया जा रहा है. अगर ऋतुजा चुनाव लड़ती हैं, तो जांच के समय उनके नामांकन को चुनौती दी जा सकती है और कहा जाएगा कि वे लाभ के पद का आनंद ले रही हैं. वे स्क्रूटनी के समय बहस के चरण में नहीं जाना चाहती. उनका फॉर्म खारिज कर दिया जाएगा, यह एक साजिश है.  

बीएमसी ने कही ये बात

वकील साखरे ने कहा कि नियम कहता है कि अगर निगम नौकरी छोड़ना चाहता है तो उसे एक महीने का लिखित नोटिस दिया जाना चाहिए. यदि आप नोटिस पढ़ते हैं, तो नोटिस ये कहता है कि उन्हें शाम को तुरंत स्वतंत्र कर दिया जाना चाहिए. ये विभाग को तय करना है कि इस तरह की छूट दी जानी चाहिए या नहीं. अदालत आयुक्त को निर्णय लेने का निर्देश दे सकती है. कोर्ट व्यक्ति को चुनाव के लिए नामांकन फॉर्म भरने के लिए कह सकता है, लेकिन चुनाव प्राधिकरण को जांच के बारे में निर्देशित नहीं किया जा सकता है. वे अपना फैसला खुद लेंगे. वे इस मामले में एक पक्ष नहीं हैं. 

कोर्ट ने बीएमसी को दिया ये आदेश

उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता को पता था कि वह चुनाव लड़ना चाहती हैं, उन्होंने 3 अक्टूबर तक इंतजार किया जब तक कि ईसीआई द्वारा अधिसूचना नहीं जारी कर दी गई. ये उनकी तरफ से देरी थी. वहीं ऋतुजा लटके (Rutuja Latke) के वकील विश्वजीत सावंत ने कहा कि पहला पत्र 2 सितंबर को लिखा गया था और जवाब 29 सितंबर को दिया गया था. चुनाव की घोषणा के तुरंत बाद एक बार फिर इस्तीफा सौंप दिया गया. मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने बीएमसी (BMC) को आदेश दिया कि शुक्रवार (14 अक्टूबर) सुबह 11 बजे तक ऋतुजा लटके का इस्तीफा स्वीकार करें. 

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