चुनाव आयोग ने चुनावी वादों को लेकर राजनीतिक दलों को चिट्ठी लिखी है। इसमें आयोग ने कहा है- राजनीतिक पार्टियां अपने घोषणापत्र में वोटर्स को चुनावी वादों के बारे में सटीक जानकारी दें। साथ ही यह भी बताएं कि वे जो वादे कर रहे हैं, उसे पूरा करने के लिए वित्तीय संसाधन हैं भी या नहीं? आसान शब्दों में कहें तो आयोग ने राजनीतिक दलों से जनता को यह बताने के लिए कहा है कि वे अपनी घोषणाओं के लिए फंड कैसे जुटाएंगे।
देश के 6 राज्यों में 7 विधानसभा सीटों के लिए उप चुनाव की घोषणा के बाद लिखी इस चिट्ठी में आयोग ने कहा है- पॉलिटिकल पार्टीज को एक तय फॉर्मेट में वोटर्स को बताना चाहिए कि जो वादे किए जा रहे हैं, वे कितने सही हैं? इसके अलावा, वोटर्स को यह भी बताएं कि इन्हें पूरा करने के लिए राज्य या केंद्र सरकार के पास क्या वित्तीय संसाधन हैं।
चुनाव आयोग ने कहा- हम आंख मूंदकर नहीं बैठ सकते
आयोग ने कहा कि हम इस मुद्दे पर आंख मूंदे नहीं रह सकते हैं। अगर राजनीतिक दल सिर्फ खोखले वादे कर रहे हैं, तो इसके दूरगामी असर होंगे। आयोग ने अपनी चिट्ठी में सभी राजनीतिक दलों से इस मुद्दे पर 19 अक्टूबर तक अपना सुझाव देने को कहा है।
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