BCCI के अध्यक्ष पद से सौरव गांगुली का कार्यकाल खत्म होने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उन्हें सांसद बनाने की तैयारी में हैं। साथ ही गांगुली को बंगाल क्रिकेट एसोसिएशन (CAB) के प्रेसिडेंट पद पर जीत दिलाने में TMC ने पूरा जोर लगा दिया है।
मकसद यही है कि किसी भी तरह गांगुली TMC में शामिल हो जाएं। ऐसा होता है तो तीन मंत्रियों के जाने का दबाव झेल रहीं ममता को एक नया चेहरा और पार्टी को नया आइकॉन मिल सकता है।
TMC के लिए जरूरी हुए गांगुली
बंगाल में TMC फिलहाल भारी मुश्किलों का सामना कर रही है। उसके दो मंत्री सुब्रत मुखर्जी और साधन पांडे की डेथ हो चुकी है। वहीं, पार्टी में नंबर-3 की पोजिशन पर रहे पार्थ चटर्जी करप्शन के आरोप में जेल में हैं।
TMC के 19 नेता-मंत्रियों के खिलाफ आय से ज्यादा संपत्ति का मामला कोर्ट में चल रहा है। ममता के भाइयों पर भी अवैध संपत्ति बनाने के आरोप लगे हैं और मामला कोर्ट पहुंच चुका है। आरोपों से घिरी TMC को ऐसे आइकॉन की जरूरत है, जो उसे चुनावों में फायदा पहुंचा सके। इसके लिए सौरव गांगुली सबसे मुफीद हैं।
जवाहर सरकार की विदाई और गांगुली की ओपनिंग
TMC के एक सीनियर लीडर ने भास्कर को बताया कि गांगुली को जवाहर सरकार की जगह राज्यसभा भेजने की पेशकश की जा सकती है, क्योंकि जवाहर सरकार के रवैये से ममता खुश नहीं हैं। इसी साल 31 अगस्त को एक बंगाली टीवी चैनल पर दिए इंटरव्यू में उन्होंने TMC लीडरशिप की ही आलोचना कर डाली।
ममता ने तो उनके खिलाफ कुछ नहीं बोला, लेकिन TMC के सीनियर लीडर सौगत राय ने कहा था कि वे मतलबी हैं, जो सिर्फ अपने फायदे का सोचते हैं। TMC के ही सीनियर लीडर शुखेंदु शेखर रॉय ने उन्हें पब्लिक प्लेटफॉर्म पर ऐसी बातें न करने की सलाह दी थी।
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