गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए दो फेज में एक और पांच दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव आयोग ने गुरुवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान किया। गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 को खत्म हो रहा है।
182 सीटों के लिए हो रहे इस चुनाव में 1 दिसंबर को 89 सीटों पर और 5 दिसंबर को 93 सीटों पर वोटिंग होगी। नतीजे 8 दिसंबर को यानी हिमाचल विधानसभा चुनाव के साथ ही आएंगे। राज्य में इस बार 4.6 लाख लोग पहली बार वोट करेंगे। चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने गुजरात में मोरबी पुल हादसे पर दुख जाहिर किया।
निष्पक्षता पर बोले- क्रिकेट मैच में अंपायर सवालों में घिरता है
CEC राजीव कुमार ने कहा- कोई EVM पर सवाल उठाता है और वो चुनाव जीत जाता है तो सवाल बंद हो जाते हैं। हमारा मकसद निष्पक्ष चुनाव है और चुनाव आयोग आज नहीं बना। हमेशा से ही हमारी निष्पक्षता जगजाहिर रही है। हम 100% निष्पक्ष हैं। जब क्रिकेट का मैच होता है तो दोनों टीमें अंपायर को ब्लेम करती हैं। यहां कोई थर्ड अंपायर तो है नहीं। चुनाव आयोग आज तो बना नहीं है ये एक विरासत है। हमारी ड्यूटी यह है कि निष्पक्षता जो पहले से बनी है, उसे हम आगे बढ़ाएं।
एक वोटर के लिए पोलिंग बूथ, 15 लोगों की टीम
CEC राजीव कुमार ने बताया कि गिर फॉरेस्ट के बनेज गांव में रहने वाले भरतदास दर्शनदास के लिए पोलिंग बूथ बनाया जाएगा। इस इकलौते मतदाता से वोटिंग करवाने के लिए 15 लोगों की टीम जाएगी। उन्होंने कहा- भरतदास अपने गांव से बाहर आकर वोटिंग करना नहीं चाहते हैं, इसलिए उनके लिए पोलिंग बूथ और पोलिंग टीम भेजी जाएगी।
गुजरात चुनाव से जुड़ी 4 सबसे जरूरी बातें...
1. CM पद के दावेदार कौन-कौन?
अभी BJP की ओर से भूपेन्द्र पटेल गुजरात के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सी.आर.पाटिल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि राज्य में कोई बदलाव नहीं होगा। BJP के अलावा कांग्रेस और AAP भी मैदान में हैं। हालांकि दोनों पार्टियों ने अब तक CM कैंडिडेट की घोषणा नहीं की है। बात कांग्रेस की करें तो पार्टी में भरत सोलंकी, अर्जुन मोढवाडिया, शक्तिसिंह गोहिल CM पद के लिए रेस में सबसे आगे हैं। AAP में अभी तक गोपाल इटालिया ओर इशुदान गढवी CM के दावेदार हैं।
2. इस बार का चुनाव कितना अलग?
पिछली बार से इस बार का चुनाव बिलकुल अलग है। इसकी सबसे बड़ी वजह है- गुजरात में 2017 में भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला था, लेकिन AAP भी इस बार लड़ाई में शामिल है। वहीं पाटीदार आंदोलन की आग भी इस बार शांत है। आंदोलन के सबसे बड़े चेहरे हार्दिक पटेल भी BJP में शामिल हो गए हैं।
3. 4 मुद्दे सबसे अहम, एंटी इनकंबेंसी का भी असर
गुजरात में इस बार 4 मुद्दे चुनाव को प्रभावित कर सकते हैं। इनमें मोरबी पुल हादसा, कर्मचारियों की समस्या, महंगाई और पोर्ट पर पकड़े जाने वाला ड्रग्स है। मोरबी पुल हादसे के बाद चुनाव इसी मुद्दे के इर्द-गिर्द सिमट गया है। भाजपा पिछले 24 साल से सत्ता में है, ऐसे में पार्टी के खिलाफ एंटी इनकंबेंसी का भी असर है।
4. 2 साइलेंट चेहरे जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं
गुजरात चुनाव में इस बार 2 ऐसे साइलेंट चेहरे चर्चा में हैं, जो चुनाव प्रभावित कर सकते हैं। इनमें एक नाम पाटीदार आगेवान नरेश पटेल का है, तो दूसरा कोली समाज के सोमाभाई गांडाभाई। नरेश पटेल ने अब तक राजनीति में सीधी एंट्री नहीं ली है, लेकिन गुजरात के 85 लाख लेउवा पटेल समाज के वे सर्वमान्य नेता माने जाते हैं।
पटेल कांग्रेस में शामिल होने की कई बार कोशिश कर चुके हैं पर पार्टी हाईकमान से बात नहीं बन पाई थी। वहीं सोमाभाई गांडाभाई भी इस बार गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। पाटीदार के बाद कोली समाज की आबादी गुजरात में सबसे ज्यादा है।
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