ये भी कोई क्रिकेट मैच था। गिल्ली-डंडा से भी बदतर। भारत के बैटर पस्त, बॉलर बदहवास, फील्डर या तो दिख नहीं रहे थे, और दिखे भी तो बस गेंद से पिछड़ते हुए।
रो-हिट, किंग कोहली, मिस्टर 360 डिग्री, कुंगफू पंड्या, स्विंग का किंग… बस कहने के। बल्ला लेकर 8 खिलाड़ी मैदान पर उतरे, 6 लौट आए, टोटल 168 रन बनाकर। वो भी खींचतान कर।
इंग्लैंड के दो बल्ले मैदान पर आए और हर ओवर में तकरीबन 10.62 रन पीटते हुए 16 ओवर में खेल खत्म कर दिया। एलेक्स हेल्स का स्ट्राइक रेट 183 था, रन 86, 4 चौके और 7 छक्के। कप्तान जोस बटलर का स्ट्राइक रेट 163 था, रन 80, 9 चौके और 3 छक्के।
टी-20 वर्ल्ड कप के इतिहास में हुए टोटल 16 सेमीफाइनल में किसी टीम की ये सबसे बड़ी हार, या सबसे बड़ी जीत है। जीत-हार के लिहाज से एक रिकॉर्ड बना है और एक की बराबरी हुई है।
इंग्लैंड ने भारत को हराकर सेमीफाइनल में सबसे अधिक 10 विकेट से जीत का रिकॉर्ड बनाया है। साथ ही सबसे कम ओवर में जीत की बराबरी भी की। टी-20 वर्ल्ड कप में इंग्लैंड ने ही 16 ओवर में श्रीलंका को हराया था। 12 साल पहले, यानी 2010 में। ये मैच वेस्टइंडीज में खेला गया था।
भारत की गलतियां और इंग्लैंड की कामयाबी की वजह जानने से पहले पूरे मैच पर एक नजर डाल लीजिए...
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