झुंझुनूं में वर्किंग कमेटी की बैठक के साथ बीजेपी अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए इलेक्शन मोड में आ गई। यूं तो बीजेपी ने इस बैठक से प्रदेश में एकजुटता दिखाने की कोशिश की। लेकिन बीजेपी में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और वरिष्ठ नेता गुलाबचंद कटारिया के बीच नया समीकरण देखने को मिला। दोनों के बीच अच्छी बातचीत, हावभाव और सामजंस्य बैठक में नेताओं के बीच चर्चा का विषय रहा। खास तौर से केंद्रीय नेतृत्व से जुड़े नेताओं के लगातार सतीश पूनिया पर विश्वास दिखाने के बीच वसुंधरा और कटारिया समीकरण ने एक बार फिर चर्चाएं छेड़ दी।
वर्किंग कमेटी की बैठक में कांग्रेस को घेरने, चुनावी कैंपेनिंग और सरकार के खिलाफ आंदोलनों का ब्लू प्रिंट तय हो गया। बीजेपी नेताओं ने एकजुटता का मैसेज देने की कोशिश की, लेकिन इसके बावजूद भी आपसी मतभेद और खेमेबाजी को लेकर नए समीकरण बीजेपी में बनते दिखाई दिए।
हर महत्वपूर्ण व्यक्ति रहा मौजूद
बीजेपी के प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी सहित ज्यादातर पदाधिकारी, सांसद, विधायक और नेता मौजूद रहे।
वसुंधरा-कटारिया की बातचीत चर्चा का विषय
बैठक में वसुंधरा राजे थोड़े समय के लिए ही उपस्थित रहीं। सुबह 11 बजे से शाम 6.30 बजे तक चली बैठक में राजे दोपहर लगभग 1.30 बजे वापस लौट गई। इस बीच यूं तो वसुंधरा की बातचीत तमाम नेताओं से हुई, लेकिन ज्यादातर समय तक वह गुलाबचंद कटारिया से चर्चा करती नजर आईं। बीजेपी नेताओं और पदाधिकारियों का कहना है कि काफी समय से कटारिया और राजे के बीच अच्छा सामंजस्य देखने को मिल रहा है।
कटारिया समर्थकों ने उदयपुर में किया था स्वागत
बीजेपी के प्रमुख नेताओं में आपसी गुटबाजी की चर्चाओं के बीच वसुंधरा राजे और गुलाबचंद कटारिया के बीच पिछले कुछ समय से बेहतर तालमेल देखने को मिल रहा है। इससे पहले अपनी धार्मिक यात्रा के दौरान जब वसुंधरा उदयपुर आई थीं तो आमतौर पर दूर रहने वाले कटारिया समर्थकों ने एयरपोर्ट पर वसुंधरा का जोरदार स्वागत किया था। उसके बाद भी इसी तरह की चर्चाएं छिड़ी थी।
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