इजराइल में आम चुनावों के मतदान के बाद मतगणना जारी है। 85% मतों की गिनती हो चुकी है। शुरुआती रुझानों के मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी जीत दर्ज कर सकती है। लिकुड पार्टी को 31 सीटें मिल सकती हैं, वे कट्टरवादी दक्षिणपंथी और घोर-रूढ़िवादी यहूदी दलों के साथ मिलकर बहुमत हासिल करने में कामयाब हो सकते हैं।
40 दल ऐसे हैं जिन्हें 3.25% वोट टर्नओवर भी नहीं मिल रहा, लिहाजा वे नेसेट (संसद) नहीं पहुंच सकेंगे। विशेषज्ञों का मानना है कि नेतन्याहू जीतते हैं तो फिलिस्तीनियों को रोकने के लिए बनी दीवार का काम आगे बढ़ा सकता है। नेतन्याहू का मानना है कि आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए दीवार जरूरी है।
नेतन्याहू के गठबंधन में केवल 8 महिलाएं
नेतन्याहू ब्लॉक में 8 महिलाएं ही हैं, क्योंकि अल्ट्रा-रूढ़िवादी दल महिलाओं को टिकट नहीं देते। जबकि वर्तमान सरकार में 30 महिलाएं हैं। ये 30 वर्षों में पहली नेसेट होगी जिसमें अल्पसंख्यक ड्रूज धर्म का कोई भी प्रतिनिधि नहीं होगा।
नस्लवाद के दोषी नेता ने मंत्री का पद मांगा
धार्मिक जियोनिज्म पार्टी के नेता और नेतन्याहू के गठबंधन सहयोगी बेन ग्विर ने मांग की है कि उन्हें नई सरकार में आंतरिक सुरक्षा मंत्री बनाया जाए, इससे पुलिस विभाग उनके अंतर्गत आ जाएगा। बेन 2007 में नस्लवाद को उकसाने के लिए दोषी ठहराए गए थे। वे प्रतिबंधित कच आतंकवादी समूह के समर्थक भी रहे हैं।
भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट होने के आसार
नेतन्याहू के प्रधानमंत्री बनने पर भारत और इजराइल, दोनों देश आतंकवाद, टेक्नोलॉजी और द्विपक्षीय व्यापार पर एक साथ काम कर सकते हैं। दोनों देशों के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट भी हो सकता है। नेतन्याहू और प्रधानमंत्री मोदी के बीच अच्छे रिश्ते रहे हैं। मोदी भारत के पहले PM हैं जिन्होंने इजराइल का दौरा किया। 5 साल पहले नेतन्याहू प्रधानमंत्री रहते भारत आए थे। तब PM नरेंद्र मोदी प्रोटोकाल तोड़कर उन्हें रिसीव करने एयरपोर्ट गए थे।
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