प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को तेलंगाना में कहा कि उन्हें रोजाना 2-3 किलो गाली मिलती हैं, लेकिन उनका शरीर उन गालियों को पोषण में बदल देता है। यह बात उन्होंने BJP कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लोग मुझे पूछते हैं कि मोदी जी आप थकते नहीं है क्या, तो मैं उनसे कहता हूं कि भगवान ने मेरे शरीर में कुछ ऐसा मैकेनिज्म बनाया है कि गालियां प्रोसेस होकर न्यूट्रिशन बन जाती हैं।
प्रधानमंत्री हैदराबाद के बेगमपेट एयरपोर्ट पर जनता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग निराशा और हताशा के कारण, सुबह-शाम मोदी को गालियां देते रहते हैं। पूरी डिक्शनरी उन्होंने मोदी को गाली देने के लिए खपा दी है। मेरी आपसे विनती है कि ऐसी बातों से आप परेशान नहीं होना, क्योंकि उनके पास गालियां देने के सिवाय कुछ बचा ही नहीं है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मैं तो पिछले 20-22 साल से वैराइटी-वैराइटी की गालियां खा चुका हूं। आप इन गालियों के बारे में चाय पर हंसी-मजाक कीजिए। दूसरे दिन कमल खिलने वाला है, इस खुशी में आगे बढ़िए।
दुनिया की उम्मीदों का केंद्र बना भारत: PM मोदी
हैदराबाद से पहले पीएम मोदी ने विशाखापत्तनम में कई विकास परियोजनाओं को लॉन्च किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की उम्मीदों का केंद्र बन गया है। भारत विकास की एक नई कहानी लिख रहा है। जब कई देश संघर्ष कर रहे हैं तब दुनिया की नजरें भारत पर टिकी हुई हैं। कई देश जरूरी सामान की किल्लत से जूझ रहे हैं, कुछ एनर्जी क्राइसिस से जूझ रहे हैं। तकरीबन हर देश अपनी गिरती हुई अर्थव्यवस्था को लेकर परेशान है।
आंध्र यूनिवर्सिटी इंजीनियरिंग कॉलेज में एक पब्लिक मीटिंग को संबोधित करते समय उन्होंने कहा कि भारत कई सेक्टर्स में नई ऊंचाईयों को छू रहा है, वह भी ऐसे समय में जब दुनिया के हालात अच्छे नहीं हैं। यह सिर्फ इसलिए हो पाया है क्योंकि भारत अपने नागरिकों की उम्मीदों और जरूरतों को ऊपर रखकर काम कर रहा है। हमारी हर नीति, हर फैसले का मकसद लोगों की जिंदगी आसान बनाना है।
अमृत काल में विकास के रास्ते पर तेजी से बढ़ रहा है भारत
पीएम मोदी ने कहा कि अमृत काल के दौरान भारत विकास के रास्ते पर तेज बढ़ रहा है और जल्द ही विकसित देश बनने वाला है। विकास की इस यात्रा के कई आयाम हैं। आम लोगों की जरूरतें और बेहतर और मॉडर्न इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण इसमें जुड़े हुए हैं।
पीएम ने कहा कि हमने देखा है कि कैसे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर अलग-थलग सोच के चलते देश को कितना नुकसान झेलना पड़ा है। इसलिए हमारी सरकार एक नई अप्रोच के साथ चल रही है।
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