संसद की विंटर सेशन में बुधवार को भी तवांग का ही मुद्दा गूंजेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कार्यवाही शुरू होने से पहले भाजपा संसदीय बोर्ड की मीटिंग की। भाजपा की मीटिंग में जब PM मोदी की एंट्री हुई तो पार्लियामेंट्री बोर्ड के मेंबर्स ताली बजाकर उनका स्वागत करते रहे। ये स्वागत गुजरात में जीत के लिए किया गया। करीब 3 मिनट तक तालियां बजती ही रहीं।
कांग्रेस ने भी भारत-चीन सैनिकों की झड़प पर विपक्षी दलों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तवांग पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
कांग्रेस को तवांग में राजीव गांधी फाउंडेशन का नाम खींचने पर ऐतराज
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि रक्षामंत्री संसद में आए। अपना बयान पढ़ा और बाहर चले गए। वह चर्चा करने के लिए तैयार ही नहीं थे। इसका राजीव गांधी फाउंडेशन मामले से कोई संबंध नहीं है। अगर इसमें हमारी किसी भी तरह की गलती है तो हमें फांसी पर लटका दो।
खड़गे का कहना है कि उपसभापति ने कहा था कि हमें स्पष्टीकरण का मौका दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। हमारी बात भी सुनने को तैयार नहीं थे। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
यह राज्यसभा की मंगलवार की तस्वीर है। खड़गे ने सरकार से तवांग इलाके में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प मामले में सवाल किया था।
तवांग झड़प पर 2 बड़े बयान
1. राजनाथ बोले- भारतीय सैनिकों ने बहादुरी दिखाई
राजनाथ ने कहा- 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप्स ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।
इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया। हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।
2. शाह बोले- राजीव गांधी फाउंडेशन को चीन से पैसा मिला
गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर दावा किया- भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया।
इससे पहले तवांग झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ। इस पर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई। कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी।
शाह ने आरोप लगाया कि चीन पर कांग्रेस का रवैया दोहरा है। राजीव गांधी फाउंडेशन का सवाल प्रश्न काल में रखा गया था। मैं बता दूं कि इसका FCRA लाइसेंस रद्द किया गया था। इसी पर सवाल था। उस फाउंडेशन को चीन से पैसे मिले। 1.38 करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस शासन में 1962 में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली थी।
ओवैसी का सवाल- 9 को झड़प हुई तो संसद में सरकार ने जानकारी क्यों नहीं दी?
असदुद्दीन ओवैसी ने तवांग इलाके में हुई झड़प मामले में सरकार को घेरते हुए सवाल किया है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प 9 दिसंबर को हुई थी। इस दौरान पार्लियामेंट चल रहा है तो सरकार ने इसकी जानकारी उसी दिन क्यों नहीं दी? हमें तीन दिन बाद मीडिया बता रही है कि हमारे बहादुर सैनिक घायल हुए हैं।
मुझे देश की आर्मी पर पूरा भरोसा है, लेकिन देश में एक कमजोर लीडरशिप है। मोदी सरकार चीन का नाम लेने से भी घबराती है।
असदुद्दीन ओवैसी ने तवांग इलाके में हुई झड़प को लेकर कहा कि आखिर इसकी जानकारी सरकार ने संसद में क्यों नहीं दी?
तवांग में भारतीय सैनिकों ने 600 चीनी सैनिकों को खदेड़ा
9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिक अरुणाचल प्रदेश के तवांग के यांग्त्से में भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। भारतीय सैनिकों ने खदेड़ा तो दोनों सेनाओं में झड़प हुई। इसमें दोनों ओर के सैनिक जख्मी हुए हैं। भारत के 6 जख्मी सैनिकों को गुवाहाटी इलाज के लिए लाया गया। जबकि चीन के सैनिकों को हमसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। उनके कई सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं। तवांग का यंगस्टे 17 हजार फीट की ऊंचाई पर है।
1. तवांग में चीनी सैनिकों को घेरकर पीटते दिखे हमारे सैनिक
अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प का एक वीडियो सामने आया है। चीनी सैनिकों ने जैसे ही टेम्परेरी वॉल पर लगी तारबंदी को तोड़कर भारतीय सीमा में घुसने की कोशिश की, मुस्तैद भारतीय सैनिकों ने इनका जमकर मुकाबला किया और इन्हें खदेड़ दिया। पूरी खबर पढ़ें...
2. अभी और हमले करेगा चीन:भारत को सॉफ्ट टारगेट मान रहा ड्रैगन
2013 में जिनपिंग राष्ट्रपति बने। इससे बाद वो माओ की हथेली और 5 अंगुलियों की पॉलिसी को तेजी से आगे लेकर जा रहे हैं। 2013 के बाद से लगातार दो-तीन सालों से चीन ऐसी आक्रामक कार्रवाई कर रहा है। चाहे 2017 का डोकलाम विवाद हो, 2020 का गलवान हो या 2022 का अब अरुणाचल विवाद। ये जो झड़पें हैं, इन्हें छोटे तौर पर नहीं लिया जा सकता है। ये एक ट्रेलर देती हैं कि आने वाले वक्त में चीन भारत से युद्ध की हद तक जा सकता है।
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