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14 December 2022

तवांग झड़प पर भारत के सपोर्ट में आया अमेरिका:डिफेंस मिनिस्ट्री ने कहा- चीन उकसाता है, हम भारत के साथ


 अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर को भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी। इस पर अमेरिका का कहना है कि चीन उकसावे की कार्रवाई करता है। हालांकि, अमेरिका को खुशी है कि दोनों देश झड़प के बाद जल्द ही पीछे हट गए।


अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा- चीन उकसावे की कार्रवाई करता है। अमेरिका ने देखा कि चीन LAC के आस-पास सेना जुटा रहा है और मिलिट्री इंफ्रास्ट्रचर बना रहा है। हम स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारत के प्रयासों का पूरा समर्थन करेंगे। हम अपने मित्र देशों की सुरक्षा सुनिश्चित करते रहेंगे।


पेंटागन के प्रेस सेक्रेटरी पैट राइडर ने कहा कि अमेरिका एकतरफा तरीके से सीमा बदलाव की किसी भी कोशिश का विरोध करता है।

हमें खुशी है कि दोनों देश जल्द ही पीछे हट गए : अमेरिका

व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैराइन जीन-पियरे ने कहा- अमेरिका इस पूरे मुद्दे पर नजर बनाए हुए है। हमें खुशी है कि भारत और चीन अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में झड़प के बाद जल्द ही अलग हो गए। हम दोनों देशों को बाइलैटरल चैनल के माध्यम से बातचीत करने का सुझाव देने के पक्ष में हैं। हम चाहते हैं कि भारत और चीन सीमा विवाद को सुलझाने के लिए चर्चा करें।


कैराइन जीन-पियरे ने कहा कि अमेरिका दोनों पक्षों को विवादित सीमाओं पर चर्चा करने के लिए मौजूदा द्विपक्षीय चैनलों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

सबसे पहले जानिए ये मामला कब का है...

सोशल मीडिया पर झड़प के कुछ वीडियो वायरल हो रहे हैं। 9 दिसंबर को 600 चीनी सैनिक तवांग के यंगस्टे में 17 हजार फीट की ऊंचाई पर भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे। वे कंटीले लाठी डंडे और इलेक्ट्रिक बैटन से लैस थे। भारतीय सेना ने भी कंटीले लाठी-डंडों से उनको जवाब दिया। इसमें दर्जनों चीनी सैनिकों की हड्डियां टूटी हैं। 9 दिसंबर की पूरी घटना और सीमा विवाद पर विस्तृत रिपोर्ट पढ़ने के लिए क्लिक करें...


अब जानिए कब और कहां चीन ने बनाए मिलिट्री इंफ्रास्ट्रचर...


चीन LAC पर बढ़ा रहा सड़क, रेल और एयर कनेक्टिविटी

सितंबर 2019 में भारतीय सीमा से सटे इलाकों में गांव बसाए थे। सैटेलाइट इमेज से अरुणाचल प्रदेश में चीन के एक ओर एन्क्लेव बनाने का खुलासा हुआ था। इसमें करीब 60 इमारतें होने का दावा किया जा रहा था। 2019 से पहले इस जमीन पर एक भी इमारत नहीं थी और 2021 में 60 इमारतें बन गईं।


2019 में अमेरिकी सैटेलाइट कंपनी मैक्सर टैक्नोलॉजी की तरफ से ये इमेज जारी की गई थी। इसमें इमारतें पुराने कब्जे से 93 किलोमीटर दूर दिखाई दे रही थीं। यह इलाका अंतरराष्ट्रीय सीमा और वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के बीच है।

भारतीय सेना की इस्टर्न कमांड के ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आरपी कालिटा ने मई 2022 में कहा था- चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अरुणाचल प्रदेश से लगी अतंरराष्ट्रीय सीमा के निकट अपनी ताकत बढ़ा रही है। तिब्बत रीजन में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के पास चीन बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट कर रहा है। चीन अपनी सीमा के पास सड़क, रेल और एयर कनेक्टीविटी बढ़ा रहा है।


अप्रैल 2022 में हॉट स्प्रिंग इलाके में मोबाइल टावर लगाए थे


हॉट स्प्रिंग इलाके में चीन के मोबाइल टावर।

चीन ने अप्रैल 2022 में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) से सटे हॉट स्प्रिंग में 3 मोबाइल टावर लगाए। लद्दाख के चुशुल क्षेत्र के पार्षद कोन्चोक स्तान्जिन ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी साझा की थी। कोन्चोक ने कहा था कि चीन ने पैंगोंग झील पर पुल बनाया था और अब सीमा के पास मोबाइल टावर बना रहा है। चीन पहले ही भारत की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है। चीन इन टावर का इस्तेमाल भारतीय क्षेत्र में निगरानी के लिए कर सकता है।


भूटान में ड्रैगन की घुसपैठ, चीन ने 25 हजार एकड़ में अवैध तरीके से 4 गांव बसाए, यह भारतीय बॉर्डर के नजदीक


चीन अपनी चालबाजियों से बाज आता नहीं दिख रहा है। भारत के साथ सीमा विवाद के बीच ड्रैगन पड़ोसी देश भूटान की सीमा में भी घुसपैठ कर चुका है। रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने अपने बॉर्डर से लगे भूटान में करीब 25 हजार एकड़ क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर लिया है। इतना ही नहीं चीन ने यहां 4 गांव भी बसा दिए हैं। पूरी खबर पढ़ें...


पिछले साल भी 200 चीनी सैनिकों ने की थी घुसपैठ की कोशिश


पिछले साल यानी 2021 में तवांग क्षेत्र में 200 चीनी सैनिकों ने घुसपैठ की कोशिश की थी। तब भी भारतीय सैनिकों ने इसे नाकाम कर दिया था। तब पेट्रोलिंग के दौरान सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के सैनिक आमने-सामने हो गए थे और कुछ घंटों तक यह सिलसिला चला था। हालांकि इसमें भारतीय जवानों को कोई नुकसान नहीं हुआ और प्रोटोकॉल के मुताबिक बातचीत से विवाद सुलझा लिया गया।





गलवान में हुई थी झड़प, हमारे 20 शहीद, चीन के 38 मारे

15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने 4 सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी।


तवांग में चीनी सैनिकों को हमने घेरकर पीटा, वो पिटते-बचते अपनी सीमा की ओर भागते नजर आए...


अरुणाचल में भारत और चीन के सैनिकों में झड़प का एक वीडियो सामने आया है। इसमें भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों का जमकर मुकाबला कर रहे हैं। भारतीय सैनिक भी कंटीले डंडे लेकर खड़े थे। जैसे चीनी सैनिकों ने तार तोड़कर घुसने की कोशिश की भारतीय सैनिक टूट पड़े। चीनी सैनिकों को पीछे हटने के लिए मजबूर कर दिया। पढ़ें पूरी खबर...


भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का जिक्र वर्ल्ड मीडिया में भी हो रहा है। हॉन्गकॉन्ग के साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने कहा कि झड़प के तुरंत बाद दोनों सेनाएं अपने इलाकों में लौट गईं। BBC ने लिखा- झड़प में भारत से ज्यादा नुकसान चीन के सैनिकों को होने की खबर है।

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