चीन में कोरोना संक्रमण लगातार तांडव मचा रहा है, अस्पतालों में बेड की कमी हो चुकी है, श्मशान घाटों में मरे हुए लोगों के अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं है। ऐसे में भी शी जिनपिंग चीन में लॉकडाउन लगाने को तैयार नहीं हैं। देश को अनलॉक करने के लिए चीन 3 साल पुरानी जीरो कोविड नीति को भी छोड़ चुका है। अलग-अलग माध्यमों से लोगों को यह समझा रहा है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट खतरनाक नहीं है।
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में लोगों को बताया जा रहा है कि यह मौसमी फ्लू जैसा ही है। देश के सबसे प्रभावशाली महामारी विज्ञानी झोंग नानशान ने तो हाल ही में यह तक कह दिया कि ओमिक्रॉन वायरस जुकाम से ज्यादा कुछ नहीं है।
चीन में कोरोना से हालात इतने खराब हैं कि लोगों को अस्पताल में बेड तक नहीं मिल पा रहे हैं। लोगों को फर्श पर अपना इलाज कराना पड़ रहा है।
कुछ भी हो अर्थव्यवस्था सही रहनी चाहिए
चीन में सरकार के अधिकारियों का मानना है कि वायरस भले ही फैले लेकिन अर्थव्यवस्था की गति बनी रहनी चाहिए। मैन्यूफैक्चरिंग और फैक्ट्रियों में उत्पादन नहीं थमना चाहिए। इसी नीति के तहत शहरों में कामगारों से कहा जा रहा है कि भले ही वे संक्रमित हों, उन्हें काम पर लौटना होगा।
अधिकारियों ने पश्चिमी महानगर चोंगकिंग में सरकारी कर्मचारियों से कहा है कि अगर वे कम लक्षणों वाले कोरोना से संक्रमित हैं, तो उन्हें काम पर आना होगा। उधर पूर्वी तट पर मैन्यूफैक्चरिंग हब जेझियांग में अधिकारी ने कहा कि संक्रमित होने के बावजूद लोगों को काम करना चाहिए।
बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान बबाओशान के बाहर गाड़ियों की लाइन लगी है।
बरगलाने की कोशिश: आंकड़े छिपा रही सरकार, दिन-रात चल रहे अंतिम संस्कार
चीन कोरोना के आंकड़ों को छिपाने से बाज नहीं आ रहा है। उसने दुनिया से मौतें छिपाने के लिए नियमों में ही बदलाव कर दिया है। अब नई गाइडलाइन जारी की है, जिसके मुताबिक सिर्फ सांस से जुड़ीं बीमारियों से हुईं मौतों को ही कोरोना में गिना जाएगा। बीजिंग के सबसे बड़े श्मशान में 24 घंटे अंतिम संस्कार हो रहे हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार शुरू हो गए हैं और इनकी तस्वीरें भी आ रही हैं। हालांकि, कोरोना से मौत के सरकारी आंकड़े रोजाना 5-10 ही बताए जा रहे हैं। एक्सपर्ट का दावा है कि असल आंकड़ा काफी ज्यादा है।
चीन के भ्रामक आंकड़ों से चिंता: WHO
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चीन की ओर से कोरोना के सही आंकड़े न दिए जाने पर चिंता जताई है। संगठन ने बुधवार को कहा कि चीन के आंकड़े भरासेमंद नहीं हैं। अस्पतालों की जो तस्वीर और वीडियो आ रहे हैं, वो डराने वाली हैं। इससे दुनिया में खतरा बढ़ सकता है।
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