खातेगांव। देवास जिले की खातेगांव जनपद पंचायत के तत्कालीन सीईओ नानूराम अहिरवार और लेखापाल रूपेश जनोलिया को शासकीय पद पर रहते हुए जनपद पंचायत खातेगांव को विधायक निधि से मिली 7,50,000 लाख रुपए की राशि अपने खाते में जमा कर आहरण करने के मामले में प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश,सुश्री सरिता वाधवानी ने दोनों आरोपी को 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 10-10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है।
खातेगांव जनपद पंचायत की सीईओ मनीषा चतुर्वेदी ने 14 अप्रैल 2017 को खातेगांव पुलिस थाने पर रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें जनपद पंचायत के पूर्व सीईओ नानूराम अहिरवार एवं तत्कालीन लेखापाल रूपेश जनोलिया के खिलाफ 1 जून से 21 दिसंबर 2016 तक की अवधि में गबन एवं अनियमित भुगतान का मामला दर्ज करवाया गया था। पुलिस जांच में पूर्व सीईओ अहिरवार एव लेखापाल रूपेश जनोलिया के खिलाफ 7.50 लाख रुपए अपने खाते में जमा करने सहित अन्य वित्तीय अनियमितता के आरोप सिद्घ पाए गए। शासकीय पद पर रहते हुए अमानत में खयानत का मामला के दौरान लगभग 26 गवाहों के साक्ष्य न्यायालय ने जुटाए थे ।
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