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21 December 2022

अतिक्रमण के नाम पर एक-एक लाख के नोटिस थमाए

रतलाम। रतलाम ओर मन्दसौर जिले के सीमावर्ती को लेकर जावरा तहसील के ग्राम बोरवनी ग्राम पंचायत शक्करखेड़ी में लगभग 160 परिवार जो गत 30 से 40 वर्षो से गांव की सीमा में अपने आवास बना कर निवास कर रहे हैं उन्हें इस वर्ष राजस्व विभाग द्वारा भू राजस्व संहिता की धारा 248 के तहत शासकीय भूमि पर अतिक्रमण मानकर 1 लाख के जुर्माने के नोटिस थमा दिए गए हैं। 

ग्रामीणो का मानना है कि गांव के जिन 160 परिवारों को यह भारी जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं उनमें से लगभग 120 से अधिक परिवार बीपीएल राशन कार्ड धारी यानी गरीबी की रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले पात्र परिवार है जिन्हें शासन एक रुपए किलो गेहूं उपलब्ध कराकर और अन्य शासकीय योजनाओं से उपकृत कर उनकी गरीबी दूर करने का प्रयास कर रही है। वही इन परिवारों में से अधिकांश को मुख्यमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है तथा इसी योजना के अंतर्गत लोगों द्वारा वहां अपने निवास बनाए गए हैं ।
विगत कई वर्षों से यहां के निवासियों को राजस्व विभाग की तरफ से ऐसे कोई नोटिस नहीं मिले हैं सन 2000 तथा 2015 में कुल 2 बार इस तरह के नोटिस आवेदकों को मिले थे जिसमें उनसे नाम मात्र का शुल्क लेकर उन्हें आश्वस्त किया गया था कि शीघ्र ही यह भूमि आबादी भूमि में परिवर्तित कर उन्हें मालिकाना हक दे दिया जावेगा।
ये ग्राम बोरवनी जो एक लंबे समय से राजस्व रिकॉर्ड में बसा हुआ है त उक्त सभी परिवार जिनमें ज्यादातर नायक तथा मालवीय समाज के अनुसूचित जाति के लोग निवास कर रहे हैं उथा पूर्व में स्वायत द्वारा गांव में आबादी भूमि शेष नहीं होने से और परिवार बढ़ने के कारण गांव से हुई भूमि को जहांक्त भूमि को आबादी भूमि घोषित करने की कार्रवाई की गई थी तथा इसी आधार पर उक्त आबादी भूमि पर अधिकांश लोगों को पूर्व ग्राम पंचायत सरपंच द्वारा पट्टे भी जारी किए गए हैं इसके बदले में लोगों से शुल्क भी लिया गया था ।

उक्त पट्टे दिखाए जाने के बावजूद भी लोगों से वसूली के लिए दबाव बनाया जा रहा है
ग्रामीणो का कहना है कि यदि उक्त पट्टे पूर्व सरपंच द्वारा फर्जी तरीके से दिए गए हैं तब तत्काल प्रभाव से पट्टे जारी करने वाले लोगों पर अवैध वसूली कर अवैध पट्टे देने के लिए एफ आई आर दर्ज की जाना चाहिए। ग्राम बोरवनी के सभी गरीब अनुसूचित जाति के मजदूर क्रष्को की ओर से अनुरोध है कि पूर्व सरपंच द्वारा की गई अवैध कार्रवाई पर उसके विरुद्ध
प्रकरण दर्ज किया जाकर उक्त राजस्व के नोटिस को निरस्त कर ग्राम पंचायत को निर्देशित किया जावे की तत्काल प्रभाव से उक्त भूमि को आबादी भूमि घोषित कर वर्षों से निवास कर रहे इन परिवारों को राहत प्रदान करें तथा इन सभी परिवारों को भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया जाए। 

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