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13 December 2022

चुनाव के पहले कानूनी दांव में उलझे MLA:3 विधायकों की सदस्यता खतरे में; जानिए, कौन से माननीयों की मुश्किलें बढ़ीं


मध्यप्रदेश में अगले साल चुनाव होने हैं। सियासी बयानबाजी के साथ कानूनी पेंच में उलझे विधायकों की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही हैं। सोमवार को हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने अशोकनगर से BJP विधायक जजपाल सिंह जज्जी का जाति प्रमाणपत्र निरस्त कर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। विधायक जज्जी पर 50 हजार का जुर्माना लगाने के साथ ही सदस्यता निरस्त करने के लिए कहा गया है। जज्जी के अलावा दो विधायक और हैं, जिनकी सदस्यता पर संकट है। तीनों विधायकों में दो भाजपा, तो एक कांग्रेस का है।

अजब सिंह कुशवाह, विधायक सुमावली

सुमावली से कांग्रेस विधायक को जमीन फर्जीवाड़े में सजा

अजब सिंह कुशवाह- ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ मुरैना जिले की सुमावली विधानसभा के विधायक ऐदल सिंह कंसाना के बीजेपी में शामिल होने के बाद नवंबर 2020 में उपचुनाव हुआ था। इस उपचुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार अजब सिंह कुशवाह बीजेपी के ऐदल सिंह कंसाना को हराकर विधायक बने थे। विधायक बनने के बाद अजब सिंह कुशवाह कानूनी मुश्किलों में घिर गए। विधायक अजब सिंह पर सरकारी जमीन बेचने के आरोप लगे इस मामले की ग्वालियर के महाराजपुरा थाने में शिकायत भी दर्ज हुई।

शिकायत में ये दावा किया गया कि विधायक ने सरकारी जमीन को अपना बताते हुए लगभग 75 लाख में बेच दिया था। मामले में पुरुषोत्तम शाक्य नामक व्यक्ति ने ग्वालियर के महाराजपुरा में शिकायत दर्ज कराई थी और कहा था कि विधायक अजब सिंह ने यह जमीन उन्हें बेची, मगर कब्जा नहीं मिला। इस पर पुलिस ने मामला भी दर्ज कर लिया था।

बताया गया है कि इस मामले पर सुनवाई करते हुए ग्वालियर के न्यायालय ने विधायक अजब सिंह सहित अन्य लोगों को दो-दो साल की सजा सुनाई है और 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया है। इस फैसले के बाद कांग्रेस विधायक की सदस्यता पर संकट मंडराने लगा है। नियमानुसार अगर किसी विधायक को दो साल या उससे अधिक की सजा हो जाती है तो उसकी विधानसभा से सदस्यता तो जाएगी ही साथ में वह छह साल तक चुनाव लड़ने के अयोग्य रहेगा।

राहुल सिंह लोधी, खरगापुर - नॉमिनेशन फार्म में छिपाई जानकारी

उमा भारती के बडे़ भाई हरबल सिंह लोधी के छोटे बेटे राहुल सिंह लोधी टीकमगढ़ जिले की खरगापुर विधानसभा से 2018 में पहली बार विधायक बने। विधानसभा चुनाव के बाद राहुल लोधी से चुनाव हारने वाली कांग्रेस प्रत्याशी चंदा रानी गौर ने राहुल लोधी द्वारा निर्वाचन पत्रों में जानकारी छिपाने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। याचिका पर सुनवाई के बाद जबलपुर हाईकोर्ट ने राहुल लोधी का निर्वाचन शून्य घोषित कर दिया। फिलहाल राहुल लोधी इस मामले की अपील करने सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। हालांकि इसी मामले को लेकर चंदा रानी गौर ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दायर की है। यदि सुप्रीम कोर्ट से लोधी को स्टे नहीं मिला तो उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द हो सकती है।

कुशवाह के वेतन-भत्ते पर रोक

विधानसभा ने सुमावली विधायक अजब सिंह कुशवाह को सजा सुनाए जाने के बाद उनके वेतन-भत्ते रोक दिए हैं।वहीं राहुल लोधी और जजपाल जज्जी को नाेटिस जारी किए गए हैं। दोनों विधायकों की तरफ से जवाब आने के बाद आगे कार्रवाई होगी। यदि इन विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से स्टे नहीं मिला तो सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई विधानसभा की ओर से की जाएगी।

अशोकनगर विधायक जजपाल सिंह की सदस्यता भी निरस्त होगी!

ग्वालियर में हाईकोर्ट ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक विधायक जजपाल सिंह उर्फ जज्जी का जाति प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है। साथ ही अशोकनगर एसपी को फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में विधायक पर FIR दर्ज करने के निर्देश भी दिए हैं। हाईकोर्ट ने 50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में जजपाल जज्जी ने कहा कि फैसले के खिलाफ वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। यह कानूनी प्रक्रिया है, इसलिए उसी तरीके से लड़ा जाएगा।

हाईकोर्ट की एकल पीठ ने विधायक की विधानसभा सदस्यता खत्म करने के लिए भी स्पीकर गिरीश गौतम को पत्र लिखा है। अशोकनगर विधायक ने अनुसूचित जाति के प्रमाण पत्र का उपयोग कर आरक्षित सीट से चुनाव लड़ा था और जीता भी था।

विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव ने बताया- ऐसे मामलों में क्या है नियम

मप्र विधानसभा के पूर्व प्रमुख सचिव भगवानदेव इसराणी बताते हैं कि हाईकोर्ट से सजा के बाद विधायकों को अपर कोर्ट में अपील करने का अधिकार है। हाल में दो तरीके के मामले सामने आए हैं। कुछ निर्वाचन से जुड़े मामले हैं - जिसमें गलत जानकारी दी गई। कुछ सजा के मामले होते हैं। इनमें जो नियम है कि दो साल या दो से अधिक साल की सजा किसी को होती है। उसका चुनाव शून्य हो जाता है। ऐसे में विधानसभा को विधिवत सूचना आती है। विस उसका परीक्षण करती है, उसमें यदि कानूनी राय के हिसाब से उचित है, तो उस सीट के रिक्त होने की अधिसूचना निकाली जाती है। इसकी कॉपी निर्वाचन आयोग को जाएगी। आयोग अधिसूचना के आधार पर उस सीट को रिक्त घोषित करके चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगा।

विधायकों के खिलाफ हाईकोर्ट के फैसले की सूचना जैसे ही विधानसभा को मिलती है। ऐसे मामलों का परीक्षण किया जाता है कि यदि सुप्रीम कोर्ट ने स्टे नहीं दिया है, तो उसके बाद भारत निर्वाचन आयोग को स्थान रिक्त घोषित करने की अधिसूचना भेजी जाती है। उसके बाद निर्वाचन आयोग उस स्थान को रिक्त घोषित करने की अधिसूचना जारी करेगा।

यूपी के रामपुर की तरह हो सकता है चुनाव

विस के पूर्व पीएस इसराणी बताते हैं कि जैसे अभी यूपी के रामपुर में विधानसभा का चुनाव अदालत ने शून्य घोषित कर दिया था। यूपी विधानसभा ने रिक्त होने की अधिसूचना जारी की। उसके बाद निर्वाचन आयोग ने अधिसूचना जारी की। विधानसभा का चुनाव हुआ। यही प्रक्रिया देशभर में लागू होती है।

ये विधायक फरार

उमंग सिंघार- पत्नी ने कराया रेप और अननेचुरल सेक्स का केस

तीन हफ्ते पहले मप्र के कद्दावर आदिवासी विधायक उमंग सिंघार पर उनकी तीसरी पत्नी ने रेप और अननेचुरल सेक्स करने सहित कई गंभीर मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी। उमंग सिंघार के खिलाफ उनकी पत्नी ने रेप का केस दर्ज कराया है। उसने पहले जबलपुर थाने में शिकायत की थी, जहां से धार पुलिस को सूचना दी गई। धार पुलिस ने केस दर्ज किया। विधायक की 38 वर्षीय पत्नी ने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का भी आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर दुष्कर्म सहित अप्राकृतिक कृत्य की धारा 376, 377, 498 ए सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।

मनोज चावला आलोट- खाद लूटने के मामले में केस दर्ज, हाईकोर्ट से भी राहत नहीं

रतलाम जिले की आलोट से कांग्रेस विधायक मनोज चावला पर करीब एक महीने पहले यूरिया वितरण केन्द्र पर खाद लूटने का मामला दर्ज किया गया था। 10 नवंबर को आलोट के यूरिया वितरण केंद्र पर सर्वर न होने के चलने से परेशान हो रहे किसानों के पास विधायक मनोज चावला अपने साथियों के साथ विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे । जहां गोदाम का शटर खुलते ही लोगों ने यूरिया की बोरियां ले जाना शुरू कर दिया। विधायक चावला तभी से फरार हैं।

ट्रेन में छेड़छाड़ के मामले में सतना-अनूपपुर के कांग्रेस विधायकों पर FIR

दो महीने पहले चलती ट्रेन में एक महिला के साथ छेड़छाड़ करने के मामले में सतना और अनूपपुर के कांग्रेस विधायकों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। कांग्रेस विधायकों पर एक महिला ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। महिला का आरोप था कि वह अपने दुधमुंहे बेटे के साथ रेवांचल एक्सप्रेस के एसी कोच में सफर कर रही थी। इसी दौरान सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा और कोतमा विधायक सुनील सराफ ने नशे में उसे टच किया। दोनों बुरी नजर से उसे देख रहे थे।

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