प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गोवा के मोपा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया। डाबोलिम के बाद यह गोवा का दूसरा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। PM मोदी ने नवंबर 2016 में खुद इसकी आधारशिला रखी थी। एयरपोर्ट राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और मोदी सरकार में रक्षा मंत्री रहे दिवंगत मनोहर पर्रिकर के नाम पर होगा।
2 हजार 870 करोड़ रुपए की लागत से तैयार इस एयरपोर्ट पर हर साल करीब 40 लाख पैसेंजर्स के आने की उम्मीद है। बाद में इसे हर साल 3 करोड़ पैसेंजर्स तक ले जाने का प्लान है। डाबोलिम एयरपोर्ट से अभी 15 डोमेस्टिक और 6 इंटरनेशनल लोकेशन्स के लिए कनेक्टिविटी है, जबकि मोपा एयरपोर्ट के जरिए 35 डोमेस्टिक और 18 इंटरनेशनल लोकेशन्स तक पहुंचा जा सकेगा।
मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की खासियत
मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट गोवा की राजधानी पणजी से 35 किलोमीटर की दूरी पर है। मार्च 2000 में केंद्र सरकार ने मोपा गांव में एक ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट बनाने के लिए राज्य सरकार को अनुमति दी थी। यहां दुनिया के सबसे बड़े विमानों को संभालने वाला रनवे भी बनाया गया है। इस एयरपोर्ट पर सोलर पॉवर प्लांट लगाए गए हैं।
इसी के साथ ग्रीन बिल्डिंग्स, LED लाइटें, रीसाइक्लिंग जैसी कई सुविधाओं के साथ इसे तैयार किया गया है। यह एयरपोर्ट डाबोलिम एयरपोर्ट की तुलना में बेहतर सुविधाओं से लैस है। डाबोलिम एयरपोर्ट पर रात में पार्किंग की सुविधा नहीं थी। मोपा हवाई अड्डे पर यह सुविधा है। डाबोलिम में कोई कार्गो टर्मिनल नहीं था, जबकि मोपा में 25 हजार मीट्रिक टन की क्षमता वाली कार्गो सुविधा होगी।
मोपा एयरपोर्ट से 35 डोमेस्टिक और 18 इंटरनेशनल लोकेशन्स तक पहुंचा जा सकेगा।
PM बोले- गोवा के लाडले के नाम पर एयरपोर्ट
एयरपोर्ट के उद्धाटन के बाद PM मोदी ने कहा कि मुझे इस बात की खुशी है कि इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट का नाम मेरे प्रिय सहयोगी और गोवा के लाडले, स्वर्गीय मनोहर पर्रिकर के नाम पर रखा गया है। अब मनोहर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से पर्रिकर जी का नाम, यहां आने-जाने वाले हर व्यक्ति को याद रहेगा। बता दें कि पर्रिकर मोदी सरकार में रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं। कैंसर की वजह से उनका देहांत हो गया था।
कांग्रेस सरकार के रवैये पर जताई नाराजगी
प्रधानमंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के रवैये पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा- 2014 से पहले सरकारों का जो रवैया था, उस वजह से हवाई यात्रा लग्जरी और VIP लोगों के रूप में स्थापित हो गई थी। अमीर लोग ही इसका फायदा उठा पाते थे। पहले की सरकारों ने ये सोचा ही नहीं कि आम लोग भी एयर ट्रैवल करना चाहते हैं। जरूरत थी इसे सस्ता और सुगम बनाने की। हमने इसे कर दिखाया।
8 साल में ही हमने 72 एयरपोर्ट बना दिए
PM मोदी ने भाजपा सरकार की उपलब्धियां भी गिनाईं। उन्होंने कहा कि आजादी से लेकर 2014 तक देश में छोटे-बड़े सिर्फ 70 एयरपोर्ट थें। ये भी बड़े शहरों तक ही सीमित थे। 2014 में जब केंद्र में हमारी सरकार बनी तो मात्र 8 साल में ही हमने 72 एयरपोर्ट बना दिए। हमने हवाई यात्रा को देश के छोटे-छोटे शहरों तक पहुंचाने का बीड़ा उठाया।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट
हमने दो स्तर पर काम किया। पहला- देशभर में एयरपोर्ट नेटवर्क का विस्तार किया। दूसरा- उड़ान योजना के जरिए आम लोगों को भी हवाई जहाज में उड़ने का अवसर दिया। इन प्रयासों का अभूतपूर्व परिणाम आया। आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट बन गया है। मौजूदा समय में देश में करीब 140 से ज्यादा एयरपोर्ट हैं। सरकार की योजना अगले 5 सालों में 220 हवाई अड्डों को विकसित करने की है।
सिंधिया बोले- नया इतिहास रचा जा रहा है
इस मौके पर सिविल एविएशन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि गोवा में पहले ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे का उद्घाटन हो रहा है। यहां नया इतिहास रचा जा रहा है कि एक शहर में 2-2 हवाई अड्डे हो गए। पूर्व सरकारों में 1 साल में 1 हवाई अड्डे का निर्माण नहीं होता था लेकिन आज 1 साल में कई हवाई अड्डों का निर्माण होता है।
AIIMS के आयुष अस्पताल सहित तीन नेशनल इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया
पणजी में मोदी ने AIIMS के आयुष अस्पताल और दो अन्य नेशनल इंस्टीट्यूट का उद्घाटन किया। इस मौके पर गोवा के CM प्रमोद सावंत भी मौजूद थे।
इसके पहले पीएम मोदी ने पणजी में 9वीं वर्ल्ड आयुर्वेद कांग्रेस के समापन समारोह में AIIMS के आयुष अस्पताल का उद्घाटन किया। इसी के साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ यूनानी मेडिसिन और दिल्ली के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी का वर्चुअल उद्घाटन किया। मोदी ने मोपा में इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन भी किया।
समारोह में मोदी ने कहा कि आयुर्वेद एक ऐसा ज्ञान है जिसका मोटो है, सर्वे भवन्तु सुखिनः सर्वे सन्तु निरामयाः। इसका मतलब है सबका सुख और सबका स्वास्थ्य।आयुर्वेद पर भारत की कोशिशों की आज दुनिया तारीफ कर रही है। आज 30 से ज्यादा देशों ने आयुर्वेद को मान्यता दी है। आयुष उद्योग पिछले 8 वर्षों में सात गुना बढ़कर 20,000 करोड़ रुपए से 1.4 लाख करोड़ रुपए हो गया।
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