भोपाल। देश में इस बार 10 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। लेकिन इस साल मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव कई मायनों में अहम होने वाले हैं। इस बार बीजेपी के सामने कई चुनौतियां होगी। टिकट बंटवारे से लेकर बूथ मैनेजमेंट और उस खेमें को संतुष्ट करना, जो कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आया है। और सरकार बनाने में भी अहम योगदान दिया है। खासतौर पर भाजपा के सामने टिकट बंटवारे में सिंधिया खेमे को संतुष्ट करने की बड़ी चुनौती होगी। इसलिए बीजेपी ने अभी से रणनीति बनाना शुरु कर दिया है। पार्टी कहां कमजोर है,इसके लिए मंत्री-विधायकों से वन टू वन चर्चा की जा रही है। विधायकों का सर्वे किया जा रहा है। सर्वे के मुताबिक जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आएगी। उनका इस बार टिकट बंटवारे में पत्ता साफ करने की तैयारी है। अभी से अलग-अलग क्षेत्रों की कमान संभालने के मौखिक फरमान भी जारी होने लगे हैं। खास बात यह है कि केंद्रीय मंत्री और प्रदेश के युवा चेहरा ज्योतिरादित्य सिंधिया को मुख्य रूप से ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ही फोकस करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है।बीजेपी हर एक सीट की माइक्रो प्लानिंग तैयार कर रही है। 10 हजार से कम अंतर से हारी हुई सीटों पर बीजेपी का पूरा फोकस है।खासतौर पर उन क्षेत्रों पर भाजपा की पूरी नजर है।जहां 2018 के विधानसभा चुनाव में उसे बुरी हार का सामना करना पड़ा था। और सरकार बनाने से कुछ ही सीटें पीछे रह गई थी।
विधायकों का किया जा रहा है सर्वे
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। राजनीतिक हिसाब से अब समय काफी कम बचा है। जिसको देखते हुए बीजेपी ने सत्ता वापसी के लिए तैयारियां जोर-शोर से शुरु कर दी हैं। पार्टी ये जानने की कोशिश कर रही है कि संगठन कहां कमोजर है। उस हिसाब से काम किया जाएगा। विधायकों का सर्वे किया जा रहा है। जहां विधायकों की रिपोर्ट निगेटिन आएगी उनका टिकट कट सकता है। माना जा रहा है कि इस बार कई विधायकों का टिकट कट सकता है।
सिंधिया को ग्वालियर-चंबल तक सीमित रखने की तैयारी?
पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड अंचल की सीटों पर खासा नुकसान हुआ था। इसलिए खासतौर पर ग्वालियर-चंबल पर सिंधिया को सक्रिय होने के लिए कहा जा सकता है। खासतौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया को ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ही फोकस करने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। आधिकारिक रूप से इसकी चर्चा तो कोई नहीं करता, लेकिन शुरुआती संकेत यही मिल रहे हैं। क्योकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ये कह चुक हैं कि अपना क्षेत्र मजबूत करने की रणनीति ही सफलता की कुंजी है। ऐसे सीएम शिवराज के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह भी कयास लगाया जा रहा है कि केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को न केवल ग्वालियर-चंबल क्षेत्रों पर फोकस करने की जिम्मेदारी दी सकती है, बलकि उनके प्रभाव वाले क्षेत्रों पर भी फोकस करने के लिए कहा जा सकता है।इसके अलावा, सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री को टिकट मिलने पर उनके क्षेत्र की जिम्मेदारी भी सिंधिया को दी सकती है।
No comments:
Post a Comment