भोपाल। भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा क्या इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव में हुजूर विधानसभा सीट से मैदान में उतरने की तैयारी में हैं। दरअसल ये सवाल इसलिए पूछा जा रहा है कि हाल ही में वीडी शर्मा ने मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाया है। मतदाता सूची में उनका नया पता अब दानिश हिल्स कोलार है। यानी अब वे हुजूर विधानसभा सीट से अधिकृत वोटर हो गए हैं।
छात्र राजनीति में लंबे समय से भोपाल में सक्रिय रहने वाले शर्मा का पहले पता अभाविप भवन था। खजुराहो सांसद बनने के बाद भी वे यहीं से वोटर लिस्ट में थे। उनको चार इमली में भी सरकारी बंगला मिला हुआ है।
सूत्रों की माने तो इस साल विधानसभा चुनाव में शर्मा हुजूर सीट से किस्मत आजमा सकते हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपना नाम चार इमली वाले पते से वोटर लिस्ट में नहीं जुड़वाया है। ऐसा नहीं है कि सांसद बनने से पहले भी शर्मा विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे। अभाविप से भाजपा में आने के बाद वे जब प्रदेश महामंत्री थे, तब भी वे गोविंदपुरा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे। उस समय बाबूलाल गौर वहां से विधायक थे और उम्र के क्राइटेरिया के चलते उन्हें शिवराज सिंह मंत्रिमंडल से सरताज सिंह के साथ बाहर का रास्ता दिखा दिया था। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में गौर का टिकट कटना तय था। ये सीट बीजेपी का अभेद्य गढ़ मानी जाती थी, यही कारण था कि तत्कालीन महापौर आलोक शर्मा, सहित वीडी शर्मा और बीजेपी के तमाम नेता यहां नजरें गढ़ाए बैठे थे। लेकिन वीडी शर्मा की तगड़ी दावेदारी के चलते बाकी नेता एक हो गए और शर्मा के विरोध में मोर्चा खोल दिया था। इसके बाद गौर की हठ और नेताओं के विरोध के बाद शर्मा को कदम पीछे खींचना पड़े और गौर की पुत्रवधू कृष्णा गौर को टिकट मिला और वे भारी मतों से चुनाव जीती थी। इसके कुछ माह बाद शर्मा खजुराहो से मैदान में उतरे और लोकसभा का चुनाव भारी मतों से जीतकर लोकसभा में पहुंच गए।
रामेश्वर जा सकते हैं मध्य सीट पर
दरअसल वीडी शर्मा के विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलों को पिछले दिनों हुए एक घटनाक्रम से बल मिला है। एक बैठक के दौरान प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव ने रामेश्वर शर्मा से कहा था कि वे अन्य सीटों पर भी फोकस करें। रामेश्वर एक बार भोपाल उत्तर सीट से चुनाव लड़कर हार चुके हैं। पार्टी ने पिछली बार अपनी भोपाल मघ्य सीट भी आरिफ मसूद के कारण गंवा दी थी। शर्मा और मसूद दोनों ही हार्डकोर छवि के नेता हैं। ऐसे में भाजपा को लगता है कि रामेश्वर अपनी छवि और लोकप्रियता के कारण मध्य सीट फिर से भाजपा की झोली में डाल सकते हैं।
सेफ सीट है हुजूर
हुजूर को भोपाल में भाजपा की सबसे सेफ सीटों में से एक माना जाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक शर्मा यहां से विधानसभा का चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें यहां मेहनत नहीं करना होगी। वे नामांकन दाखिल करने के बाद प्रदेश की अन्य सीटों पर आराम से फोकस कर पाएंगे और इसका फायदा पार्टी को होगा।
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