इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन का आज समापन हुआ। जिसमें देश की राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू और दो अन्य देशों के राष्ट्रपति भी मौजूद रहें। इस दौरान सम्मेलन के समापन को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरण और मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संबोधित किया
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 27 प्रवासी भारतीयों को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि भारत वसुधैव कुटुंबकम की भावना से काम में लगा है। आज कई चुनौतियां हैं, भारत विश्व के साथ मिलकर इनसे निपटने में लगा है।
सीएम शिवराज सिंह चौहान ने दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर प्रवासी भारतीयों से माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए। केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया।
मंच पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के साथ सूरीनाम और गुयाना के राष्ट्रपति, केंद्रीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, एमपी के राज्यपाल मंगुभाई पटेल और सीएम शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहे।
भारत विश्व की लीडरशिप पोजिशन पर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि हर क्षेत्र में भारतीय एक ऊर्जावान और आत्मविश्वास से भरा समुदाय है। यहां तक कि विश्व की लीडरशिप पोजिशन पर भी है। कठिन परिश्रम से हमने जीवन के हर क्षेत्र में चुनौतियों के बीच उपलब्धियां हासिल की हैं। कला, साहित्य, व्यापार और विज्ञान-प्रौद्योगिकी हर क्षेत्र में ऐसा है। भारत और भारत के बाहर की उपलब्धियों की प्रशंसा के लिए ये मंच नहीं है। बल्कि ये भारत के उस विश्वास को परिलक्षित करता है जिसमें ये विश्वास समाहित है कि हम ऊंची उड़ान भर सकते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि जिन प्रवासी भारतीयों को सम्मान मिला उन्हें शुभकामना देती हूं और कामना करती हूं कि ये भविष्य में आपको महान उपलब्धियों के लिए प्रेरित करेगा। अंतिम दो दशक में प्रवासी भारतीय सम्मेलन आपके और भारत के बीच संवाद का बेहतर माध्यम बनकर उभरा है।
जैसा कि आप जानते हैं कि आजादी का अमृत महोत्सव आजादी के 75 साल पूरे होने पर मनाया जा रहा है। ये उन लोगों को समर्पित है जिन्होंने देश की तरक्की के लिए अब तक अहम योगदान दिया और जिन्होंने हमारे विजन आत्मनिर्भर भारत के लिए काम किया।
अमृत काल में प्रवासी भारतीय विश्वसनीय सहयोगी हैं। हमारी सरकार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह की पहल पर प्रवासियों के हित में काम करने को प्रतिबद्ध है।
भावुक हुए शिवराज
सीएम शिवराज सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि इस आयोजन को लेकर मन भावविभोर है, प्रसन्नता से भरा है, लेकिन उदासी भी है, क्योंकि अब आप जाने वाले हैं। सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि तीन दिन आनंद, उत्सव और उमंग के रहे, 3 दिन कैसे कटे पता ही नहीं चला। अब मन ये सोच कर भारी हो रहा है कि आप चले जाओगे, यहीं रह जाओ ना। सीएम शिवराज सिंह ने शायरी भी कही -
सितारों को आंखों में महफूज रखना, बड़ी दूर तक रात ही रात होगी।
मुसाफिर हो तुम भी, मुसाफिर है हम भी, फिर किसी मोड़ पर मुलाकात होगी।
सीएम शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों को हुई असुविधा के लिए दूसरे दिन भी हाथ जोड़कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि असुविधा हुई तो हमें क्षमा कीजिए, हमारे प्यार को दिल में रखकर जाएं। पीएम मोदी की लोकप्रियता ही इतनी है कि हॉल छोड़ा पड़ गया, लेकिन हमारे दिल बड़े हैं। उन्होंने कहा कि जब तुम चले जाओगे तो याद बहुत आओगे, तुम बिन इंदौर सूना-सूना लगेगा।
हेल्प डेस्क बनाने की अपील
सीएम शिवराज सिंह ने प्रवासी भारतीयों से अपील की है कि विदेश में भारतीय छात्र-छात्राओं के लिए एक हैल्प डेस्क बनाएं। जहां उनकी हर समस्या का समाधान हो जाए। सीएम ने कहा कि हमने फ्रेंड्स ऑफ एमपी पोर्टल बनाया है, जहां आप अपने प्रस्ताव, सुझाव दे सकते हैं। वहां आपको फौरन रिस्पॉन्स मिलेगा।
भारत के बिना विश्व आगे नहीं बढ़ सकता- सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि हमारे प्रवासी भारतीयों ने देश का नाम दुनिया में रोशन किया है। किसी भी व्यक्ति की पहचान उनकी माटी और उसके देश से होती है। भारत का कोई भी सपूत, कोई भी पुत्र-पुत्री, विश्व के किसी भी कोने में रहे हों, वो भारत का सपूत पुत्र-पुत्री कभी भी भारतीयता से जुदा नहीं हो सकते। हमारे भारत की जनसंख्या 135 करोड़ नहीं, 138 करोड़ है, इसमें 3 करोड़ हमारे प्रवासी भारतीय शामिल है।
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