हरदा। हरदा में मंगलवार जनसुनवाई केंद्र में अजीबोगरीब मामला सामने आया। जहां पर कार्यवाही ना होने की स्थिति में परिजनों ने कलेक्टर से कुछ अलग ही अंदाज में अपनी व्यथा पेश की। कार्रवाई ना होने से नाराज़ परिजनों ने हरदा जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष पीड़ित महिला को पोटली में ले जाकर किया पेश। जहां पर कलेक्टर सहित आला अधिकारी इस मामले को देखकर दंग रह गए। इस प्रकार का मामला जिले में प्रथम बार देखने को मिला है जहां पर किसी महिला को पोटली में रखकर कलेक्टर के समक्ष पेश किया हो। यह कहीं ना कहीं कार्रवाई को लेकर नाराजगी है। हालांकि कलेक्टर ऋषि गर्ग ने तुरंत सीएमएचओ को आदेश देकर एंबुलेंस से जिला अस्पताल में भर्ती कराने को कहा गया। इस पूरे मामले में सख्त कार्यवाही करने के निर्देश भी देने की बात कहीं जा रही है।
दरअसल आपको बता दें कि यह मामला टिमरनी क्षेत्र के करताना चौकी अंतर्गत ग्राम कुही ग्वाडी का है। जहां पर बीते दिनों जमीनी विवाद को लेकर दो गुट आपस में भिड़ गए थे। जिसमें महिला के पैरों पर ट्रैक्टर चढ़ा दिया था। इस पूरे मामले में करताना चौकी ने एफ आई आर दर्ज की लेकिन अभी तक पुलिस के द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई जिससे नाराज होकर जनसुनवाई में कलेक्टर के समक्ष इस प्रकार से परिजनों को पेश करना पड़ा।
इस दौरान कलेक्टर ऋषि गर्ग का ने एक मानवता का परिचय देते हुए बीमार महिला को न सिर्फ अपनी कुर्सी छोड़ नीचे उतर देखा, बल्कि एक परिजन की तरह बुजर्ग महिला को अपने हाथों से उठा का कुर्सी पर बिठाया।
03 January 2023
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जमीन विवाद में महिला के पैर टूटे
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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