भोपाल। साल 2018 की तरह ही इस साल 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सरकार की मुश्किलें करणी सेना ने बढ़ा दी हैं। साल 2018 में माई के लाल बयान के बाद एक्ट्रोसिटी कानून को लेकर सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ था। विधानसभा चुनाव में भी करणी सेना की मांग है कि एक्ट्रोसिटी एक्ट में बदलाव किया जाए और 21 सूत्री मांगों को लेकर राजधानी में धरना जारी है। बीजेपी के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि बीजेपी सबका साथ सबका विश्वास के साथ काम करती है। करणी सेना कि जो भी मांगे हैं उनकी सुनवाई की जाएगी तो सरकार इन मांगों को लेकर जारी करेगा। करणी सेना ने पहले ही 21 सूत्री मांगों को राज्य सरकार को पूरा करना चाहिए और यही वजह है कि राजधानी में लाखों की संख्या में मध्यप्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के भी करणी सेना के पदाधिकारी राजधानी में प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं। इस संबध में सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया का कहना है कि, लगातार चर्चा चल रही है,रात में भी बात हुई है,सरकार के संवाद के लिए दरवाजे खुले हैं, विधि और संवैधानिक मांगों पर विचार हो सकता है, इसके बाहर कोई भी सरकार विचार नहीं कर सकती, 4 बार चर्चा हुई, 22 सूत्रीय मांग हैं, पहली बार महाराणा प्रताप की जयंती पर छुट्टी घोषित की, करणी सेना की ही मांग थी1
09 January 2023
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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