लखनऊ। बसपा अब किसी भी चुनाव पर किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं करेगी। चाहे लोकसभा हो या विधानसभा। इसका ऐलान पार्टी सुप्रीमो मायावती ने अपने जन्मदिन पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में किया।
प्रेस से बात करते हुए मायावती ने एक बार फिर से बैलेट पेपर से चुनाव करने की मांग की है। पिछले कुछ साल में ईवीएम से होने वाले चुनाव को लेकर लोगों में आशंकाएं हैं। ऐसे में छोटे-बड़े चुनाव सीधे बैलेट से कराए जाने चाहिए। पार्टी मायावती के जन्मदिन को जन कल्याणकारी दिवस के तौर पर मना रही है। कांग्रेस की केंद्र में लंबी सरकार होने के बावजूद मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू नहीं होने दिया। अब भाजपा भी आरक्षण के हक को मार रही है। इससे यूपी निकाय चुनाव भी प्रभावित हो चुके हैं। सपा ने भी अति पिछड़ों को अधिकार न देकर छला है।
मायावती ने भाजपा को भी आडे़ हाथों लिया। यूपी में अभी निवेश के नाम पर नाटकबाजी चल रही है। जमीनी हकीकत में सामान्य लोगों को कोई फायदा नहीं मिलने वाला
है। इनकी गलत नीतियों की वजह से पहाड़ों पर लोगों को विस्थापित होना पड़ रहा है। अभी हल्द्वानी के लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से बचे हुए है। वरना, वहां भी मकान तोड़ दिए जाते। कानून व्यवस्था ठीक करने की आड़ में जो घिनौनी राजनीति हो रही है, वो किसी से छिपी नहीं है।
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