इंदौर। “पधारो म्हारे घर” के माध्यम से इंदौर में स्टे होम के तहत जिन घरों में हम रुके हैं वहां हमे ऐसा सम्मान मिला है , जिसे हम वर्षों तक भुला नहीं पाएंगे….मेहमान जो हमारा होता है वो जान से प्यारा होता है , इस बात को आपने मामाजी चरितार्थ कर दिया…”
उक्त बातें आज प्रवासी सम्मेलन में शामिल होने इंदौर आए प्रवासी भारतीयों ने एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी चौहान के समक्ष कही। आज इंदौर की आनंदा कॉलोनी में प्रवासी भारतीयों से मिलने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहुंचे। जिन घरों में प्रवासी भारतीय रुके थे , पहले उनसे उन्होंने चर्चा की और फिर सारे प्रवासी भारतीयों का एक-एक कर स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मेरी सोच थी कि जो भी प्रवासी भारतीय इंदौर इस प्रवासी सम्मेलन में आ रहे हैं ,उन्हें होटल की बजाय घरों में रुकाया जावे ताकि उनको एक पारिवारिक अनुभूति हो और पधारो म्हारो घर के माध्यम से हमने इस सोच को मूर्त रूप दिया। उन्होंने कहा कि आज मैं स्टे होम के तहत घरों में ठहरे लोगों के विचार और अनुभव सुनना चाहता हूं। इसके बाद एक-एक कर कई प्रवासी भारतीयों ने अपने विचार व अनुभव व्यक्त किये। कोई न्यूजीलैंड से आया था ,कोई ऑस्ट्रेलिया से ,कोई यूक्रेन से ,कोई दक्षिण अफ्रीका से ,कोई लंदन से ,कोई अमेरिका से।
एक प्रवासी भारतीय महिला ने अपने अनुभव सुनाते हुए कहा कि जब मैं स्टे होम के तहत इंदौर आ रही थी तो काफी डरी हुई थी ,मुझे कई लोगों ने घर में रुकने से मना भी किया लेकिन जब मैं रात को 3 बजे एयरपोर्ट पहुंची और देखा कि मैं जिनके घर रुकने के लिए जा रही हूं , वह होस्ट मेरे लिए पूरी रात से एयरपोर्ट पर खड़े हैं और जिस सम्मान से उन्होंने मुझे एयरपोर्ट पर रिसीव किया और आधी रात को ही वो मुझे इंदौर का राजवाड़ा दिखाने ले गये।और जब आधी रात को मैं उनके घर पहुँची तो उन्होंने मेरा ढोल-धमाके से स्वागत किया , उनका स्वागत देखकर मैं अभिभूत हो गई ,उन्होंने तिलक लगाकर मेरी आरती उतारी और पूरा परिवार रात को ही मेरे से मिलने आया ,ऐसा स्वागत ,ऐसा सम्मान ,ऐसी आवभगत मैंने कभी नहीं देखी और मुझे ऐसा लग रहा है कि अब मैं इस परिवार के सदस्य बन चुकी हूं ,हमारे बीच में भाई-बहन वाला रिश्ता बन गया है।
इसी प्रकार अन्य प्रवासी भारतीयों ने भी अपने अनुभव सुनाए और बताएं कि किस प्रकार का अपनापन ,किस प्रकार हमारे खाने का ,घूमने का ,रहने का विशेष ध्यान दिया जा रहा है और ऐसा लग रहा है कि हम एक परिवार के सदस्य की भांति उस घर में रह रहे हैं। आज हमें लग रहा है कि शायद हम हमारे बच्चों को भी साथ लाते तो वह हमारी भारतीय संस्कृति ,परंपरा और संस्कारों से रूबरू होते। जितना सम्मान हमें यहां मिला है , हम इसे दोगुना लौटाएँगे..
मामा जी आप मध्य प्रदेश के ही मामा नहीं है ,आप तो जगत के मामा हैं ,आप हम प्रवासी भारतीयों के भी मामा है।आपकी इस सोच ने कई देशों को भारत ,मध्यप्रदेश और इंदौर से जोड़ा है और निश्चित तौर पर यह अपनापन हम कई वर्षों तक भुला नहीं सकते है। इस अवसर पर लंदन के मेयर ने अपने संबोधन में कहा कि निश्चित तौर पर इंदौर की स्वच्छता ,इंदौर की सुंदरता , सड़के देखकर मैं अभिभूत हूं और शायद मेरे मन में यह भावना भी आ रही है कि कहीं ना कहीं लंदन से भी कुछ चीजें यहां अच्छी है और इंदौर ने कई मामलों में लंदन को भी पीछे छोड़ दिया है। प्रवासी भारतीयों ने इस अवसर पर इंदौर की स्वच्छता ,इंदौर की सजावट की , सड़को की,इंदौर की साफ-सफाई ,इंदौर के खानपान ,अपनेपन की ,अतिथि सत्कार की जमकर प्रशंसा की। सभी ने दिल खोलकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की इस सोच की और उनकी इस सोच को मूर्त रूप देने वाले इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष जयपाल सिंह चावड़ा व प्रशासन के समस्त अधिकारियों की दिल खोलकर प्रशंसा की।
उन्होंने कहा कि पधारो म्हारो घर के माध्यम से हम लोग वर्षों के लिये आपस में दिल से जुड़ गए है और यह अपनापन हम कभी भुला नहीं पायेंगे।
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