शहडोल। जिले के ब्यौहारी वनपरिक्षेत्र अंतर्गत ग्राम पसगढ़ी के समीप बोडडीहा के जंगल मे खैर के कई टन बेशकीमती लकड़ी का जखीरा तहसीलदार द्वारा जप्त किया गया है। जिसमे अनुमानित बाजार की कीमत करीब 25 से 30 लाख रुपए आंकी जा रही है।पता चला है कि उक्त खैर की लकड़ी की अवैध रूप से कटाई करने के बाद परिवहन के लिए उसे जंगल के बीच छुपाकर रखा गया था। जानकारी लगने के बाद तहसीलदार द्वारा वन विभाग के अमले को सूचना देकर मौके पर आने को कहा लेकिन वह अमले का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी मौके पर नही पहुँचा। इसके बाद तहसीलदार द्वारा ब्यौहारी थाना प्रभारी व पुलिस बल की मौजूदगी में उक्त खैर की बेशकीमती लकड़ी को जप्त कर लिया। जानकारी के अनुसार तहसीलदार ब्यौहारी अभयानंद शर्मा को मुखबिर से सूचना मिली कि ब्यौहारी के ग्राम पसगडी से आगे बोडडीहा के जंगल मे लाखो रुपए की खैर की लकड़ी जिससे पान में इस्तेमाल किए जाने वाला कत्था बनाया जाता है, अवैध रूप से काटकर वही छुपा दिया गया है। जिसे वह माफियाओं द्वारा परिवहन करने की कोशिश की जा रही है। उक्त सूचना के आधार पर तहसीलदार द्वारा क्षेत्र के वन अधिकारियो को इसकी जानकारी देते हर मौके का मुआयना करने साथ चलने की बात कही। वही तहँसीलदार द्वारा स्वयं भी मुखबिर की सूचना की पुष्टि हेतु थाना प्रभारी ब्यौहारी मोहम्मद समीर को साथ लेकर स्थल पर पहुचे। जहां देखा तो कई तन खैर की लकड़ी काटक
र रखी हुई मिली। काफी देर बाद भी जब वह अमले का कोई भी जिम्मेदार अधिकारी व कर्मचारी वहां नही आया तो पुलिस की मौजूदगी में तहसीलदार द्वारा उक्त खैर की बेशकीमती लकड़ी को जप्त करते हुए हाइवा एवम ट्रैक्टर में लोड कराकर सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया। वन अमले की इस अनदेखी से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि खैर की लकड़ियों की इस अवैध कटाई में स्थानीय वन अमले की संदिग्ध भूमिका है।
जंगल मे खैर की लाखों रुपए कीमत की लकड़ी के अवैध रूप से काटकर छुपाए जाने की सूचना मिली थी। मौके पर जाने से उक्त सूचना सही पाई गयी। वन अमले को सूचना देने के बाद भी जब कोई नही आया तो कागजी कार्यवाही करते हुए लकड़ी को जप्त कर सुरक्षित स्थान पर रखवा दिया गया है।
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