दरअसल गुरूवार को जिला पंचायत सागर के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत के नेतृत्व में प्रदेश भर से 44 जिला पंचायत अध्यक्ष अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे । इस अवसर पर प्रदेश के सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया भी जिला पंचायत अध्यक्षों के साथ मुख्यमंत्री निवास पहुंचे । जिला पंचायत संघ के प्रदेश अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने प्रत्येक मांगों के संबंध में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान को विस्तार से समझाते हुए मांगों के संबंध में अपना पक्ष रखा । 45 मिनिट तक सभी मांगो को ध्यान से सुनने के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने जिला पंचायत अध्यक्षों को राज्य मंत्री के रूप में दिये गए प्रोटोकाल का विधिवत पालन कराने, आवास एवं सुरक्षा प्रदान करने, राष्ट्रीय पर्व के समय जिले में मंत्रीगणों की अनुपस्थिति पर जिला पंचायत अध्यक्ष से ध्वजारोहण कराने, जिला पंचायत अध्यक्षों को दिये जाने वाले मानदेय एवं भत्ते में वृद्वि कर 1 लाख रूपये किये जाने, जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी निर्माण कार्यो में जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिये जाने एवं सांसद एवं विधायकों की भांति जिला पंचायत अध्यक्षों को शासन की तरफ से परिचय पत्र जारी करने की मांग को तुरंत स्वीकार कर अमल करने की घोषणा की । इसके अलावा मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमंडल से कहा कि जिला पंचायत अध्यक्षों की अन्य मांगों पर अधिकारियों का दल बनाकर परीक्षण उपरांत जल्द लागू करेंगे।
इस अवसर पर जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष एवं सागर जिला पंचायत अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत ने मुख्यमंत्री से कहा कि आपके नेतृत्व में वर्ष 2023 में एक बार फिर भाजपा की सरकार बनेगी, हम सब चाहते हैं कि आपके दिये गए अधिकारों का उपयोग कर प्रदेश की जनता के हित में पार्टी की अवधारणा को आगे बढ़ाते हुए समग्र विकास की परिकल्पना को साकार करें।
जिला पंचायत अध्यक्षों के प्रतिनिधिमंडल में हरदा गजेन्द्र शाह, शिवपुरी श्रीमती नेहा यादव, श्यो पुर श्रीमती गुडडी बाई यादव, अशोकनगर जगन्नाथ सिंह रघुवंशी, नरसिंहपुर श्रीमती ज्योति काकडिया, छतरपुर शशिकांत अग्निहोत्री, मंदसौर श्रीमती दुर्गा पाटीदार, धार सरदार सिंह मेडा, आगर मालवा मुन्नी बाई चौहान, मुरैना श्रीमती आरती गुर्जर, उज्जैन श्रीमती कमला देवडा, विदिशा श्रीमती गीता रघुवंशी, दतिया श्रीमती इंदिरा दांगी,निवाडी श्रीमती सरोज राय,पन्ना श्रीमती मीना राज सिंह, राजगढ़ चंदर सिंह सोदि़या, सीधी श्रीमती मंजू सिंह, नीमच सज्जन सिंह चैहान, खरगौन श्रीमती अंजू बाई तवर, सतना रामखेलावन कोल, भिंड श्रीमती कामना सिंह, बडवानी बलवंत सिंह पटेल, टीकमगढ़ श्रीमती उर्मिला सिंह, उमरिया अनुजा पटेल, बुरहानपुर गंगाराम मार्को, नर्मदापुरम राधाबाई पटेल सहित 44 जिला पंचायत अध्यक्ष उपस्थित थे।
यह थीं प्रमुख मांगें:-
शासन द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष को राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया है, अतः प्रोटोकाल का विधिवत पालन हो इस संबंध में शासन द्वारा कलेक्टर को स्पष्ट
निर्देश प्रसारित किये जायें, पूर्व वर्षो की भांति जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी की गोपनीय चरित्रावली पर मतांकन के अधिकार दिये जायें, जिला पंचायत क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले विभिन्न विभागों में पदस्थ तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के स्थानांतरण के पूर्व अनुमोदन के अधिकार प्रदत्त किये जावें, जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय एवं वाहन भत्ता डीजल सहित वृद्वि की जाकर राशि रूपये 1 लाख की जाये, जिला पंचायत अध्यक्षों को स्वेच्छा विकास निधि 25 लाख रूपये प्रति विधानसभा क्षेत्र के मान से प्रदाय की जावे, पंचायत राज अधिनियम 1994 को पुनः यथावत लागू किया जावे, जिला पंचायत अध्यक्षों को विधायक / सांसद की भांति परिचय पत्र जारी किया जावे, जिला पंचायत से स्वीकृत होने वाले सभी तरह के निर्माण कार्यो के साथ-साथ जिसमें मनरेगा निर्माण कार्य भी शामिल है, जिला पंचायत अध्यक्षों से अनुमोदन लिया जावे, राष्ट्रीय पर्व के समय जिन जिलों में मंत्रीगण नहीं पहुंच पाते हैं वहां जिला पंचायत अध्यक्षों से ध्वजारोहण कराया जावे, जिला पंचायत अध्यक्षों को जिला योजना समिति में पदेन सदस्य घोषित किया जाये, जिले में गौण खनिज की राषि से स्वीकृत होने वाले विकास कार्यो की समिति में जिला पंचायत अध्यक्ष को शामिल किया जावे, जिला पंचायत अध्यक्षों को 15 वें वित्त अथवा अन्य मदों की जो राशि शासन द्वारा प्राप्त होती है , उससे कम से कम तीन गुना वृद्वि की जावे।
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