मुरैना। मुरैना शहर के इस्लामपुरा में शुक्रवार की देर रात दो पक्षों में फायरिंग और पथराव हो गया।करीब आधा घंटे तक एक पक्ष सड़क से फायरिंग करता रहा तो दूसरी ओर से मकानों की छतों से महिला-पुरुषों ने फायरिंग कर रहे लोगों पर पथराव शुरू कर दिया। पथराव व फायरिंग इतनी हुई कि पूरी सड़क ईंट-पत्थराें से भर गई। सड़क पर कईयों कारतूस बिखरे मिले। खबर लिखे जाने तक पुलिस बल मौके पर तैनात था, पूरे इलाके में तनाव का माहौल है। यह विवाद रात 8 बजे के करीब ऐसा बढ़ा कि मुस्लिम बस्ती में 35 से 40 नकाबपोश युवक कट्टे व बंदूकें लेकर घुस आए और ताबड़तोड़ फायरिंग व पथराव करने लगे। यह देख मुस्लिम बस्ती के युवकों ने भी जवाब में पथराव व फायर किए हैं। घरों की छतों से महिला-पुरुषाें ने फायरिंग कर रहे लोगों पर पथराव किया। फायरिंग और पथराव का यह घटनाक्रम आधा घंटे तक चला।इसके डर से लोग घरों में दुबक गए। अधिकांश खंबों के स्ट्रीट लाइट व घरों के बाहर लगे बल्ब फायरिंग व पथराव में फूटने से पूरी गली में अंधेरा पसर गया है।इकबाल खान के घर का छज्जा तक टूट गया। गली में बड़े-बड़े पत्थर, ईंट व जहां-तहां कारतूस बिखरे मिले। सूचना मिलते ही सीएसपी अतुल सिंह, कोतवाली, स्टेशन रोड व सिविल लाइन थाने की टीमों को लेकर मौके पर पहुंच गए। पुलिस को स्थानीय लोगों ने कुछ सीसीटीवी फुटेज भी दिए हैं, जिनमें पथराव व फायरिंग करते हुए भीड़ दिख रही है। एक वीडियो ऐसा भी वायरल हो रहा है जिसमें एक व्यक्ति को 8 से 10 लोग लाठी-डंडों से पीट रहे हैं यह वीडियो ही राठौर एवं मुसलमानों के बीच हुए विवाद की वजह बना है इस वीडियो में मनोज राठौर को मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा पीटा जा रहा है यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया यह वीडियो है देर रात हुई घटना की वजह बताया जा रहा है।
11 February 2023
Home
दो पक्षों में तनाव के बाद फायरिंग और पथराव
दो पक्षों में तनाव के बाद फायरिंग और पथराव
Tags
# मध्यप्रदेश
Share This
About MP24X7
मध्यप्रदेश
देश, मनोरंजन, राजनीति, राज्य, विदेश
मध्यप्रदेश
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Author Details
MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
No comments:
Post a Comment