Breaking

21 February 2023

टोल नाकों से परेशान हुए लोग


 सिवनी। मध्यप्रदेश में सिवनी जिला एक ऐसा जिला है जो नेशनल हाईवे 44 पर बसा है। जिले से महाराष्ट्र छत्तीसगढ़ जैसे बड़े राज्यों को जोड़ने वाली रोड उपलब्ध है। मध्यप्रदेश में शायद ही कोई ऐसा जिला होगा जो टोल की नगरी के नाम से जाना जाता हो। पर सिवनी जिला शिव की नगरी के नाम से हटकर अब टोल की नगरी बन चुका है। जिले के चारों ओर टोल है और इन टोलों से परेशान जिले का हर एक नागरिक हो रहा है।

नेशनल हाईवे क्रमांक 44 पर जिले में दो टोल स्थापित हैं। पहला टोल लखनादौन के पास स्थापित है तो दूसरा खवासा गांव के पास स्थापित है, तीसरा टोल नेशनल हाईवे का सिवनी से छिंदवाड़ा रोड पर संचालित हो रहा है। साथ ही साथ स्टेट हाईवे के के तीन टोल शहर में स्थापित हैं। जो सिवनी जिले के बरघाट, और दो टोल लखनादौन मंडला रोड पर स्थापित है। जिसमें जिले वासियों को अपने ही गृह नगर में प्रवेश करने के लिए और निषेध करने के लिए टोल रूपी टैक्स देना होता है। अब यह टोल किसानों के लिए भी अभिशाप बनता जा रहा है। किसान अपने वाहनों से अपने घर से खेत की ओर ले जाते हैं तो उनके निजी वाहनों पर भी उन्हें टैक्स देना होता है। हालांकि टोल कर्मी मंथली पास बनाकर टोल टैक्स में राशि कम करने की बात करते हैं पर सिवनी जिले की यह विडंबना है कि जिले का लचर नेतृत्व के चलते अब जिले के हर नागरिक को अपने जिले में प्रवेश और निषेध के लिए टैक्स देना पड़ रहा है। काग्रेंस आंदोलन कर अपना दायित्व निभाने की बात कर अपनी पीठ थपथपा रही है, तो दूसरी और भारतीय जनता पार्टी सुविधा की बात करते हुए अपना पल्ला झाड़ रही है। पर इस राजनीतिक समीकरण और उथल-पुथल के चलते सिवनी जिले की जनता टैक्स से परेशान हो रही है।
लगातार जिले की जनता प्रदेश सरकार सहित केंद्र सरकार से गुहार लगा रही है कि सिवनी जिले के लोगों को टेक्स्ट मुक्त किया जाए पर टोल कर्मचारियों की रंगदारी और शिव की नगरी के लोगों के बीच किसी तरह के तालमेल नहीं बैठ पा रहा है जिसका असर आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को भारी पड़ सकता है।

No comments:

Post a Comment

Pages