औरैया जिला मुख्यालय के पास ऊमरसाना निवासी किसान राधे मोहन तिवारी अपने दो भाइयों के साथ खेती करके परिवार का भरण पोषण करता था। किसान राधेमोहन ने आर्थिक तंगी के चलते खेतों पर जाकर पेड़ में रस्सी बांध कर फांसी लगा ली। खेतों पर काम करने गए लोगो के द्वारा फंदे पर लटका देख उसके परिवार व पुलिस को जानकारी दी । किसान राधेश्याम की मौत की खबर से परिवार में कोहराम मच गया पत्नी और बच्चे का रो- रो कर बुरा हाल है। बताया जा रहा कि किसान की पत्नी बीमार चल रही है। पैसों का इंतजाम ना होने के कारण वह अपनी पत्नी का इलाज नहीं करा पा रहा था। जिसकी वजह से वह परेशान रहता था। किसान के हिस्से में महज सवा बीघा जमीन होने से वह आर्थिक तंगी से जूझ रहा था। जिसके चलते उसने आत्महत्या कर ली। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने शव को घटनास्थल से नहीं उठने दिया और परिवार को आर्थिक सहायता दिलाने की मांग पर अड़ गए। तहसीलदार रणवीर सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक दिगंबर कुशवाहा सीओ सुरेंद्रनाथ ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों को समझाया इसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और कार्रवाई में जुटी।
27 February 2023
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स तंगी के चलते फांसी के फंदे पर झूला किसान
स तंगी के चलते फांसी के फंदे पर झूला किसान
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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