धरने में बैठने की सूचना मिलते ही तहसीलदार और टीआई मौके पर पहुंचे लोगों को समझाइश देने का प्रयास किया तब जाकर एक से डेढ़ घंटे बाद परिजन माने और लापरवाह डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग की है। निगम अध्यक्ष सोनू मागो ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि रोहित गोटिया नाम के व्यक्ति मरीज को दस बजे एडमिट जिला अस्पताल में किया गया था लेकिन कल से आज तक कोई भी जिम्मेदार डॉक्टर ने मरीज का इलाज नहीं किया।जिसके कारण दूसरे दिन मरीज की तबीयत बिगड़ने लगी तो परिजन के लोग डॉक्टर को बोलने के लिए पहुंचे लेकिन कोई भी डॉक्टर नहीं पहुंचा और मरीज को उपचार नहीं मिला जिसके कारण मरीज की मौत हो गई।सोनू मागो ने कहा कि आज एक रोहित गया है कल ऐसा कोई रोहित ना जाए जिसको लेकर जिम्मेदार डॉक्टर ऊपर कार्रवाई मांग की है।
जिला अस्पताल राज्य सरकार के सपनों पर पानी फेरने में लगा हुआ है।मरीजों को स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए प्रदेश शासन करोड़ों रुपए पानी की तरह बहा रहा है ताकि प्रदेश की जनता को सुलभ और अच्छा ईलाज मिल सके लेकिन यहां पर तो हाल ही कुछ और है इसे विभागीय लापरवाही कहें या फिर स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता।सरकारी अस्पताल की व्यवस्थाओं को देखा जाए तो इसकी हालत बहुत बद से बदतर हो चुकी है ऐसा लगता है कि इस अस्पताल को देखने वाला कोई नहीं है।
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