नसरुल्लागंज तहसील के ग्राम गोपालपुर के निवासी राजेश गहलोत जिन्होंने एक सिलाई की दुकान संचालित की ओर अब रेडिमेड कपड़े की दुकान का व्यवसाय करते है, जिनकी बेटी अब न्याय करेंगी। अश्विनी गहलोत ने मध्यप्रदेश राज्य सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण कर सिविल जज बनी है। अश्विनी की माता शासकीय स्कूल मे शिक्षक है।
अश्विनी की मां बताती है कि अश्विनी कहती थी कि मै लॉ करूँगी, फिर उसने लॉ के तैयारियां की। फिर सोचा कि मुझे न्यायपालिका में जाना है, फिर न्यायपालिका की तैयारियां की मेहनत व लगन से मध्यप्रदेश सिविल जज की परीक्षा उत्तीर्ण कर अपना सपना पूरा किया।
सिविल जज बनने पर अश्विनी गहलोत के पिता राजेश गहलोत ने बताया कि मैं और मेरा पूरा परिवार बहुत प्रसन्न है। निश्चित ही मेरी बेटी ने परिवार व क्षेत्र का नाम रोशन किया है। मैंने 20 वर्ष सिलाई का काम किया और 2012 से रेडीमेड कपड़े की दुकान का व्यवसाय करता हूं। ग्राम गोपालपुर के एक अशासकीय विद्यालय से ही मेरी बिटिया ने शिक्षा ग्रहण की। जिसके बाद नवोदय के लिए चयन हुआ, 12वीं तक नवोदय में शिक्षा ग्रहण की। फिर निरमा यूनिवर्सिटी अहमदाबाद मैं शिक्षा ग्रहण की। सिविल जज की तैयारी के लिए वह दिल्ली चली गई। यहां राहुलस आईएएस में उन्होंने तैयारियां की फिर मेरी बेटी का सिविल जज के लिए चयन हुआ और आज इस उपलब्धि पर मेरा मन बहुत प्रसन्न है।
सपना साकार हुआ
वही अश्विनी गहलोत बताती है कि उनका सापना था ओर वह साकार हुआ है. इसके पीछे का मार्गदर्शक उन्होंने आपने माता-पिता व गुरुजनों को दिया है। अश्विनी यह भी बताती है कि लगन व मेहनत करो सपने जरूर पूरे होते है ओर आज मेरा जो सपना था वह पूरा हुआ है। अश्विनी के जज बनने पर क्षेत्र में खुशी का माहौल है लोग उनके निवास पर पहुंचकर शुभकामनाएं व बधाइयां दे रहे है।
24 February 2023
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छोटे से गांव की बेटी अश्विनी बनी जज
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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