गृह मंत्री डॉ मिश्रा ने कहा कि जाकी रही भावना जैसी ,कमलनाथ जी भी उसी भावना से बयान दे रहे है। मुझे तो यह ही समझ नही आया कि कमलनाथ जी शराब आहते बंद होने से इतने आहत क्यों हो गए कि मध्यप्रदेश को मदिरा प्रदेश बोलकर उसे बदनाम करने में जुट गए।कमलना
थ जी के लिए यह मदिरा प्रदेश हो सकता है हमारे लिए तो यह मंदिर है। हम तो बाबा महाकाल को मध्य्प्रदेश मानते है , मां पीतांबरा को मध्य प्रदेश मानते है। माँ नर्मदा को मध्य प्रदेश मानते है। और कमलनाथ जी आप इस प्रदेश को मदिरा प्रदेश बोल रहे हो। यही सोच का अंतर है हममे और आप मे।
मानसिकता ठीक नहीं
गृह मंत्री ने कहा कि वैसे भी कमलनाथ जी की मानसिकता हमेशा से ही देश,प्रदेश को दुनिया मे बदनाम करने की ही रही है। कभी वह महान भारत को बदनाम भारत बता देते है ,कभी कोरोना से हुई मौतों के झूठे आंकड़े पेश कर देते है। अब मध्य्प्रदेश को मदिरा प्रदेश बता कर प्रदेश को भी देश,दुनिया मे बदनाम करने का प्रयास कर रहे है।
शराब पर बोलने का हक नहीं
गृह मंत्री ने कहा कि वैसे भी कमलनाथ जी को शराब को लेकर कुछ भी बोलने का हक ही नही है। उनकी सरकार के समय शराब की होम डिलेवरी, महलाओं के लिए अलग शाप खोलने जैसे निर्णय लिए गए थे। कमलनाथ जी कि तो लगता है शराब होम डिलेवरी करा कर घर घर आहते बनाने की योजना थी। आज यही कमलनाथ जी शराब नीति पर ज्ञान दे रहे है। कमलनाथ जी जनता आपका सच जानती है, और आपने जो मदिरा प्रदेश बोल कर प्रदेश की जनता का अपमान किया है उसका जवाब भी आपको चुनाव के समय यह जनता जरूर देगी,यह आप याद रखना।
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