भोपाल - मध्य प्रदेश में चुनाव से पहले पुरानी पेंशन का मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। मध्यप्रदेश में पिछले 1 साल से लगातार कई कर्मचारी संगठनों ने पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की थी लेकिन सरकार ने अब तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। जैसे-जैसे चुना
व नजदीक आते जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारी संगठन एनपीएस की मांग को लेकर प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं। 5 फरवरी को भी दशहरा मैदान में राज्य और केंद्र कर्मचारी संगठनों की तरफ से धरने का आवाहन किया गया है। ट्राईबल वेलफेयर शिक्षक कर्मचारी संघ पुरानी पेंशन को बहाल करने की मांग की है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि साल 2004 में केंद्र सरकार और 2005 में राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन को बंद कर दिया था। न्यू पेंशन स्कीम के जरिए शेयर मार्केट की तरह ही कर्मचारियों को हर महीने पेंशन दी जा रही है। कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद 2000 की पेंशन न्यू पेंशन स्कीम के तहत मिल रही है। मध्यप्रदेश के अलावा पांच राज्यों ने पुरानी पेंशन को लागू कर दिया है। मध्यप्रदेश में भी इस व्यवस्था को लागू करने के लिए राज्य और केंद्र के कर्मचारी एकजुट होने जा रहे है। सरकार से मांग है कि पुरानी पेंशन बहाल किया जाए। जिससे कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद राहत मिले।
04 February 2023
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पुरानी पेंशन के मामले में फिर तूल पकड़ा
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MP24X7...यानी समय, सत्ता और समाज के बनाए हुए नियम के खिलाफ जाने का मतलब है। सही मायनों में सुधारवाद का वह पथ या रास्ता है। जो अंतिम माना जाता है, लेकिन हम इसे शुरुआत के रूप में ले रहे हैं। सार्थक शुरुआत कितनी कारगर साबित होगी? यह तो भविष्य तय करेगा। फिर भी हम ब्रह्मपथ पर चल पड़े हैं, क्योंकि यह अंतिम पथ नहीं है। सुधारवाद की दिशा में एक छोटा कदम है।.
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