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02 February 2023

राम की नगरी में शराब के खिलाफ उमा ने खोला मोर्चा


ओरछा।
मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले के ओरछा में शराब की शराब दुकान का विरोध करने पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती रामराजा सरकार की नगरी ओरछा पहुंच गई हैं। धार्मिक नगरी में चल रही शराब दुकानों का विरोध करते हुए उमा भारती ने साफ कहा कि रामराजा सरकार की नगरी में शराब की दुकान का क्या औचित्य। लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है। ओरछा में नियम विरूद्ध चल रही शराब दुकान के खिलाफ पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने तेवर सख्त कर लिए है।

 आक्रोशित होकर उमा भारती ने साफ कहा कि शराब की दुकान के लिए गांव अलॉट था। बीच नगर में दुकान अलॉट नहीं हुई थी, जिला आबकारी अधिकारी को तय करना था। उमा भारती ने साफ कहा आबकारी अधिकारी को शर्म आना चाहिए थी। शराब दुकान वाले तो अपना फायदा सोचेंगे। उन्होंने कहा कि अभी बात यह सामने आएगी कि उसे कितने करोड़ का ठेका दिया गया था। उन्होंने कहा कि रामराजा सरकार की नगरी ओरछा से शराब का क्या राजस्व वसूलना। उन्होंने कहा कि आबकारी और जिला अधिकारी को टारगेट दिया जाता है, नशा लोगों की आदत है व शराब लोगों की लत है और सरकार इसका उपयोग कर लेती है। लोगों की लत का उपयोग कर पैसे बनाना सरकार का धर्म नहीं है। उन्होंने कहा कि, सरकार का धर्म है कि लोगों की लत को खत्म कर ले, उन्होंने कहा कि इसमें मूल दोषी कौन है बात तो यहां आएगी। उमा भारती ने कहा इसमें मूल दोषी वह है जो राम का नाम लेते है, इसके बाद उमा भारती बोली मैं हूं मूल दोषी मुझे फांसी पर लटकाओ। उमा भारती बोली मेने सरकार के लिए वोट मांगे थें, उमा भारती बोली मर्यादा नहीं रखी।

 मीडिया से चर्चा में उमा भारती ने कहा कि हमने सोचा नहीं था कि हमारी सरकार में शराब की समस्या आ जाएगी। हम दिल्ली और छत्तीसगढ़ में इसका विरोध कर रहे थें उससे बुरी हालत हमने यहां कर दी। कोई मान मर्यादा नहीं रखी। ओरछा की शराब दुकान का जिक्र करते हुए उमा भारती ने कहा कि इस दुकान की मर्यादा तो रोड से 50 मीटर की भी नहीं है। भोपाल के करोंद चैराहे की शराब दुकान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि एक ही बाउंड्रीवॉल से लगा लड़कियों का स्कूल था और उसी से लगी शराब की दुकान थी। शराब दुकान को राजस्व के लिए टारगेट दे दिया जाता है क्योंकि हमें सबसे आसान शराब लग रही है। उमा भारती ने कहा कि ज्यादा राजस्व के लिए दुकान वालों को मनमाफिक जगह पर दुकान का आवंटन कर दिया गया। आबकारी अधिकारी ने यह नहीं सोचा कि रामराजा सरकार के दरवाजे पर दुकान खोल रहे हैं। 


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