भोपाल। गुजरात चुनाव में कांग्रेस को झटका दे चुकी आम आदमी पार्टी ने अब राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश की तरफ भी रुख कर लिया है। कांग्रेस के वोटबैंक पर खेल रही आम आदमी पार्टी पहले राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। और अब उसने मध्यप्रदेश में भी पूरी दम के साथ चुनाव लड़ने की ठान ली है।
गुजरात चुनाव में कांग्रेस को झटका दे चुकी आम आदमी पार्टी ने अब राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश की तरफ भी रुख कर लिया है। कांग्रेस के वोटबैंक पर खेल रही आम आदमी पार्टी पहले राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। और अब उसने मध्यप्रदेश में भी पूरी दम के साथ चुनाव लड़ने की ठान ली है। दरअसल गुजरात चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी थी। वो कांग्रेस के वोटबैंक में सेंध लगाने में तो कामयाब हो गई थी। लेकिन बीजेपी के विजय रथ को नहीं रोक पाई थी। हालाकि केजरीवाल की पार्टी को पांच सीटें मिली थीं। इस प्रदर्शन के बाद आम आदमी पार्टी को काफी फायदा हुआ और वोट प्रतिशत के आधार पर आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी घोषित किया गया। आम अदमी पार्टी ने पहले दिल्ली में सरकार बनाई फिर पंजाब में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर अपनी सरकार बना ली। वही गुजरात में भी पार्टी ने संतोषजनक प्रदर्शन किया। अब आम आदमी पार्टी अन्य राज्यों में भी अपना भविष्य तलाश रही है। जिसके लिए उसने अब राजस्थान के बाद मध्यप्रदेश को चुना है। जहां पार्टी ने सभी 230 विधानसभा सीटों चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। इसकी घोषणा खुद पार्टी के संगठन महासचिव और राज्यसभा सांसद संदीप पाठक ने की है। आम आदमी पार्टी ने लोगों को जुड़ने के लिए मिस कॉल नंबर भी जारी किया है। इसके साथ ही ये भी वादा किया है कि जो फ्री सुविधाएं पंजाब और दिल्ली में आप सरकार दे रही है। उसे मध्य प्रदेश में भी दिया जाएगा।
प्रदेश की सभी 230 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाली आम आदमी पार्टी क्या गुजरात जैसा खेला यहां भी करने वाली है? यह सवाल इसलिए क्योकि जिस तरह का माहौल आम आदमी पार्टी ने गुजरात चुनाव में बनाया था।अगर वो उसी तरह का माहौल मध्यप्रदेश में बनाने में कामयाब हो गई तो निश्चित ही इस बार मध्यप्रदेश में त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है।खासतौर पर कांग्रेस को डर रहेगा कि कहीं आम आदमी पार्टी उसके वैटबैंक में सेंध न लगा दे।अगर ऐसा करने में आम आदमी पार्टी कामयाब होती है। तो इसका सीधा फायदा बीजेपी उठा सकती है।क्योकि मध्य प्रदेश में भी आम आदमी पार्टी उसी रणनीति के साथ उतरने की तैयारी में है,जिसके चलते वह पंजाब और दिल्ली में सत्ता के सिंहासन पर पहुंची और इसी के दम पर वह गुजरात विधानसभा में एंट्री करवाई। वैसे, आम आदमी पार्टी के मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर ऐलान के साथ ही कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। 2018 के विधानसभा चुनाव में जोरदार टक्कर देने वाली कांग्रेस खेमे में ये आशंका है कि कहीं आम आदमी पार्टी गुजरात की तरह ही खेल न बिगाड़ दे।दरअसल 2018 के चुनाव में कांग्रेस मध्यप्रदेश में सरकार बनाने में कामयाब हुई थी।जो बाद में सिंधिया समर्थकों की बगावत के बाद गिर गई थी।अब कांग्रेस 2023 में फिर से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने का दावा कर रही है।लेकिन अगर आम आदमी पार्टी ने गुजरात की तरह मध्यप्रदेश में भी एंट्री कर ली तो कांग्रेस का ये दावा फेल हो सकता है। और बीजेपी आसानी से सरकार बना सकती है।क्योकि राजनीतिक जानकार बताते हैं कि आम अदमी पार्टी अभी किसी को नुकसान पहुंचा सकती है। तो वो है कांग्रेस जिसके वोटबैंक में आम आदमी पार्टी लगातार सेंध लगा रही है।
गुजरात में बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी ने सभी सीटों पर चुनाव लड़ा था। चुनाव नतीजों के बाद 156 सीट के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। 2017 के मुकाबले बीजेपी को 33 सीट का फायदा हुआ था। आम आदमी को 5 सीटों पर जीत मिली, लेकिन उसे मिले वोट शेयर ने सभी को, खासतौर पर कांग्रेस को चौंका दिया। आप को 12.9 प्रतिशत वोट मिले थे। इसके अलावा 35 सीटें ऐसी रहीं, जहां पर आम आदमी पार्टी रनर अप रही।गुजरात चुनाव में सबसे बड़ा झटका कांग्रेस को लगा था। पार्टी को सिर्फ 16 सीटों पर जीत मिली। इसके पहले 2017 में कांग्रेस को 77 सीटें मिली थीं। नतीजों पर कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा था कि आप ने कांग्रेस की जगह खा ली। खेड़ा के इस बयान की आंकड़े भी गवाही देते हैं। 2017 में कांग्रेस को 43 फीसदी के करीब वोट मिले थे जो 2022 में घटकर 27 फीसदी हो गया। कांग्रेस के वोट शेयर में 16 फीसदी की गिरावट आई। ध्यान देने की बात है कि आप को करीब 13 फीसदी वोट मिले। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस के वोट आप में ट्रांसफर हुए।अब आम ऐसे में आदमी पार्टी ने मध्य प्रदेश की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान करके कांग्रेस की टेंशन बढ़ा दी है। अगर आम आदमी पार्टी गुजरात की तरह ही मध्य प्रदेश में भी वोटों में सेंध लगाने में
कामयाब हुई तो कांग्रेस के लिए राह कठिन हो सकती है।अब ऐसे में देखना होगा कि मध्यप्रदेश में इसी साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव तक आम आदमी पार्टी किस तरह का माहौल बनाने में कामयाब हो पाती है।
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